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    Plantation in UP : एफआरआइ देहरादून करेगा तीन वर्षों के पौधारोपण अभियान की जांच

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 07:26 PM (IST)

    Investigation of Plantation Drive in UP भारतीय वन सर्वेक्षण की वर्ष 2023 की इंडिया स्टेट आफ फारेस्ट रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 की तुलना में 559.19 वर्ग किलोमीटर वनावरण व वृक्षावरण बढ़ा है। वर्ष 2021 में जहां कुल वनावरण व वृक्षावरण-9.73 प्रतिशत था वह 2023 की रिपोर्ट में 9.96 प्रतिशत हो गया है। अगली रिपोर्ट में प्रदेश की हरियाली और बढ़ने की संभावना है।

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    एफआरआइ करेगा तीन वर्षों के पौधारोपण अभियान की जांच

    शोभित श्रीवास्तव, जागरण, लखनऊ : वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) देहरादून प्रदेश में तीन वर्षों के पौधारोपण अभियान की जांच करेगा। यह जांच वर्ष 2020-21, 2021-22 व 2022-23 में लगे पौधारोपण की होगी। इन तीन वर्षों में 92 करोड़ पौधे लगे हैं। वन क्षेत्रों के पौधारोपण का 10 प्रतिशत व अन्य विभागों द्वारा किए गए पौधारोपण का पांच प्रतिशत जांच की जाएगी। पौधारोपण स्थल का चयन कंप्यूटर के जरिए रैंडम तकनीक से किया जाएगा। अगले महीने से जांच शुरू होने की संभावना है।

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    योगी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में 242.15 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। हर वर्ष बड़ी संख्या में पौधारोपण होने का ही नतीजा है कि भारतीय वन सर्वेक्षण की वर्ष 2023 की ''इंडिया स्टेट आफ फारेस्ट रिपोर्ट'' में उत्तर प्रदेश में वर्ष 2021 की तुलना में 559.19 वर्ग किलोमीटर वनावरण व वृक्षावरण बढ़ा है। वर्ष 2021 में जहां कुल वनावरण व वृक्षावरण-9.73 प्रतिशत था वह 2023 की रिपोर्ट में 9.96 प्रतिशत हो गया है। अगली रिपोर्ट में प्रदेश की हरियाली और बढ़ने की संभावना है।

    सरकार पौधारोपण अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही न हो इसके लिए थर्ड पार्टी जांच भी कराती है ताकि यह पता चल सके कि जितने पौधे लगाने का दावा किया गया है वह धरातल पर कितना सही है। वर्ष 2019 में आखिरी बार थर्ड पार्टी जांच भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआइ) से केवल एक वर्ष की कराई गई थी। उस जांच में ग्राम पंचायतों में 75.62 प्रतिशत व नगरीय निकायों में 80.35 प्रतिशत पौधारोपण सफल रहा था। इस बार वृहद जांच कराई जा रही है। इसका जिम्मा एफआरआइ को सौंपा गया है। उसकी कुल 15 टीमें अगले महीने से जांच शुरू करेंगी।

    चार करोड़ से अधिक रुपये होंगे खर्च, डेढ़ वर्ष में आएंगे नतीजे

    थर्ड पार्टी जांच में चार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। एफआरआइ जल्द ही पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ एक अनुबंध करेगा। इसके बाद अगले महीने से उसकी टीमें जांच में जुट जाएंगी। पौधारोपण स्थल की मौके पर जांच के बाद उसके आंकड़ोें का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें करीब डेढ़ वर्ष का समय लगने का अनुमान है।