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    Panchayat Chunav 2026: चुनाव से पहले निदेशालय के 2 बड़े फैसले, 512 ग्राम पंचायतें पूरी तरह समाप्त

    By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh
    Updated: Tue, 17 Jun 2025 07:28 PM (IST)

    त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों में पंचायती राज निदेशालय ने ग्राम पंचायतों के आंशिक पुनर्गठन का कार्य पूरा कर लिया है। इस पुनर्गठन में 512 ग्राम पंचायतें समाप्त हो गई हैं जबकि 11 नई पंचायतें बनाई गई हैं। निदेशालय ने जिलाधिकारियों से 20 जून तक जनसंख्या के आधार पर पंचायतों के वार्ड निर्धारण के लिए डेटा मांगा है।

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    पंचायत चुनाव, जिलों से 20 तक मांगा गया ग्राम पंचायतों की जनसंख्या का ब्यौरा

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के क्रम में पंचायती राज निदेशालय ने ग्राम पंचायतों के आंशिक पुनर्गठन का काम पूरा करते हुए इसकी सूचना शासन को भेज दिया है। आंशिक पुनर्गठन में 512 ग्राम पंचायतें पूरी तरह समाप्त हो गई हैं। 11 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है।

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    समस्त जिलाधिकारियों से 20 जून तक पंचायतों की जनसंख्या 2011 की जनगणना के आधार पर मांगी गई है। जिसके बाद पंचायतों में वार्डों का निर्धारण किया जाएगा।

    नगरीय निकायों के सृजन व सीमा विस्तार के कारण ग्राम पंचायतों के आंशिक पुनर्गठन का काम पूरा कराते हुए पंचायती राज निदेशक अमित कुमार सिंह ने इसकी सूचना पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया है। जिसमें बताया गया है कि वर्ष 2021 में राज्य में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 58195 थी।

    पुनर्गठन के बाद 11 नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया गया है। नगरीय निकायों के विस्तार की वजह से 512 ग्राम पंचायतें पूरी तरह समाप्त हुई हैं। अब कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 57694 है।

    देवरिया की 64, आजमगढ़ की 49, अयोध्या की 22, अमरोहा की 21, अलीगढ़ की 16, फतेहपुर की 19, फर्रूखाबाद की 14, गाजियाबाद की 19, गोंडा की 22, गोरखपुर की 22, हरदोई की 14, कुशीगनर की 23, मऊ की 26, प्रतापगढ़ की 46, संतकबीर नगर की 24, सीतापुर की 11 के साथ ही अन्य कई जनपदों की कुछ पंचायतें पुनर्गठन में पूरी तरह समाप्त हुई हैं।

    पंचायती राज निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक आंशिक पुनर्गठन के साथ ही जिलाधिकारियों से पंचायतों की जनसंख्या 2011 की जनगणना के आधार पर 20 जून तक मांगे गए हैं। पंचायतों की जनसंख्या आने पर पर ग्राम पंचायतों की वार्डों का निर्धारण किया जाएगा। तय किया जाएगा कि किस पंचायत में कितने वार्ड होंगे। इसी के आधार पर मतदाता सूची बनेगी। जिसके बाद आरक्षण तय किया जाएगा।