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    गरीब कोटे में भाई को एसोसिएट प्रोफेसर बनाने पर विपक्ष ने यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री को घेरा, नियुक्ति रद कराने की मांग

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 24 May 2021 12:55 AM (IST)

    कांग्रेस समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने निर्धन आय वर्ग कोटे में भाई की नियुक्ति पर सवाल खड़े कर के बेसिक शिक्षा मंत्री को घेरना शुरू कर दिया है। प्रमाण पत्र की जांच कराने और नियुक्ति निरस्त करने की मांग उठ रही है।

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    शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी के भाई को गरीब कोटे में एसोसिएट प्रोफेसर बनाने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में कोरोना से शिक्षकों की मौत के विवाद में उलझे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी की मुश्किलें निर्धन वर्ग कोटे में छोटे भाई डॉ. अरुण कुमार द्विवेदी की नियुक्ति होने पर और बढ़ी गई हैं। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने निर्धन आय वर्ग कोटे में भाई की नियुक्ति पर सवाल खड़े कर के बेसिक शिक्षा मंत्री को घेरना शुरू कर दिया है। प्रमाण पत्र बनाने की जांच कराने और नियुक्ति निरस्त करने की मांग जोरों से उठ रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री के छोटे भाई की नियुक्ति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर हुई है।

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    उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आपदा में अवसर हड़प कर निर्धन का अधिकार मारने का आरोप बेसिक शिक्षा मंत्री और उनके भाई पर लगाया है। उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति कराने के लिए बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया। उन्होंने पूरे मामले में संलिप्त लोगों की जांच कराकर विधिक कार्रवाई कराने की मांग की है।

    समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में शिक्षकों की कोरोना संक्रमण से मौत को लेकर गलत आंकडेबाजी करने वाले बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने सत्ता का दुरुपयोग करके गरीबों के आरक्षण कोटे का दुरुपयोग किया है। उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

    आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने ट्वीट कर बेसिक शिक्षा मंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, 'आदित्यनाथ जी के मंत्री सतीश द्विवेदी का कारनामा। 1621 शिक्षक चुनाव ड्यूटी में मर गए, मंत्रीजी को नहीं मालूम उन्होंने सिर्फ तीन बताया। लेकिन अपने सगे भाई को गरीबी के कोटे में नौकरी कैसे देनी है, ये मंत्रीजी को मालूम है। नौकरी के लिए लाठी खा रहे यूपी के युवाओं का घोर अपमान है।'

    सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने भी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे शिकायती पत्र में कहा कि वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर रहे मंत्री के भाई का निर्धन आय वर्ग प्रमाणपत्र कैसे बन गया? इसकी जांच होनी चाहिए।

    विपक्ष के आरोपों पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि उनके छोटे भाई की नियुक्ति विश्वविद्यालय द्वारा चयन के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत हुई है। मंत्री होने के नाते इसमें उनका कोई हस्तक्षेप नहीं है। यदि किसी को कोई आपत्ति है तो वह इसकी जांच करवा सकता है।

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