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    पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच ओपी राजभर ने छेड़ा कोटे में कोटे का राग, CM योगी और PM मोदी को देंगे प्रस्ताव

    पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर पंचायत चुनाव में ओबीसी और अनुसूचित जाति के आरक्षण में 'कोटे में कोटा' लागू करने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि मौजूदा व्यवस्था में अति व सर्वाधिक पिछड़ी जातियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। वह मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के समक्ष इस प्रस्ताव को रखेंगे, जिसमें ओबीसी आरक्षण को तीन भागों में बांटने और एससी आरक्षण का उप-वर्गीकरण करने की बात है। हालांकि, भाजपा इसे एक संवेदनशील मुद्दा मानती है और मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों के तहत ही चुनाव कराने की बात कह रही है।  

    By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 25 Jun 2025 02:46 PM (IST)
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     पंचायत चुनाव में कोटे में कोटा दिए जाने की मांग करेंगे मंत्री राजभर (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार में सहयोगी सुभासपा अध्यक्ष व पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कोटे में कोटा का राग छेड़ दिया है। वह पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के आरक्षण में बंटवारे की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष रखने जा रहे हैं। प्रस्ताव के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी और अनुसूचित जाति आरक्षण में इन वर्गों की अति व सर्वाधिक पिछड़ी जातियों को अलग से कोटा दिए जाने की मांग करेंगे।

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    मंत्री राजभर लंबे समय से ओबीसी के आरक्षण कोटे में बंटवारे की मांग करते आ रहे हैं। उनकी इस मांग से सत्ताधारी दल भाजपा कहीं से जुड़ती हुई नहीं दिख रही है। भाजपा संगठन के एक वरिष्ठ प्रदेश पदाधिकारी का कहना है कि कोटे में कोटा अभी संभव नहीं है। यह संवेदनशील मुद्दा है। संविधान में आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था के तहत ही पंचायत चुनाव होंगे।

     

     

    मंत्री राजभर का कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी और अनुसूचित जाति में अति व सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लिए अलग से सीटें आरक्षित किया जाना समय की मांग है। मौजूदा व्यवस्था में इन जातियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है।

    आरक्षण का लाभ ओबीसी और एससी की कुछ चुनिंदा जातियों के लोग उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण में बंटवारे के उद्देश्य से सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट में ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को तीन भागों में बांटने की सिफारिश है। पिछड़ी जातियों के लिए सात प्रतिशत कोटा प्रस्तावित है जिसमें 16 पिछड़ी जातियों को रखा गया है।

    अति पिछड़ी जातियों के लिए नौ प्रतिशत कोटा प्रस्तावित है जिसमें 32 पिछड़ी जातियों को रखा गया है तथा 11 प्रतिशत कोटा सर्वाधिक पिछड़ी जातियों के लिए है जिसमें 57 पिछड़ी जातियों को रखा गया है। उनका कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति के आरक्षण कोटे के उपवर्गीकरण का आदेश भी दिया है, यह भी किया जाना चाहिए। राजभर का कहना है कि कोटे में कोटा निर्धारित करने के लिए विधानमंडल में प्रस्ताव लाकर कानून बनाने की जरूरत पड़ेगी। सरकार को इसके लिए राजी कराने की पूरी कोशिश की जाएगी।

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