Conference on Surgery at KGMU: सर्जरी के क्षेत्र में जुड़े नए आयाम, सुरक्षित ऑपरेशन पर करें फोकस
यूपी शाखा के अध्यक्ष प्रो. हरविंदर सिंह पहवा ने ’सेफ सर्जन-सेफ सर्जरी’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि सर्जरी के क्षेत्र में नए आयाम बन गए हैं। इसमें स्पेशयलिटी ब्रांचें आ गई हैं। इनमें नई-नई तकनीक से ऑपरेशन हो रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में सर्जरी पर ऑनलाइन दो दिवसीय कांफ्रेंस शुरू हो गई है। इस दौरान सुरक्षित ऑपरेशन पर फोकस किया गया। ऐसे करने से मरीज के साथ-साथ डॉक्टरों का रिस्क भी कम होगा। सर्जन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ऑनलाइन कांफ्रेंस में कुलपति ले.जनरल डॉ. विपिन पुरी व सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अरुण सोनकर के डॉक्टरों को नई तकनीक को एक-दूसरे को साझा करने पर जोर दिया। साथ ही कोविड काल में सर्जरी की चुनौतियों का भी जिक्र किया।
वहीं यूपी शाखा के अध्यक्ष प्रो. हरविंदर सिंह पहवा ने ’सेफ सर्जन-सेफ सर्जरी’ पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि सर्जरी के क्षेत्र में नए आयाम बन गए हैं। इसमें स्पेशयलिटी ब्रांचें आ गई हैं। इनमें नई-नई तकनीक से ऑपरेशन हो रहे हैं। इसके जरिए डॉक्टर खुद को सुरक्षित रखकर मरीज का बेहतर ऑपरेशन कर सकता है। ऐसे में मरीजों को भी रिस्क कम होगा। कई बार जरा सी लापरवाही न सिर्फ मरीज के लिए घातक बन जाती हैं, बल्कि डॉक्टर भी संक्रमण की चपेट में आ जाता है।
ऑपरेशन से पहले हर टेस्ट अनिवार्य
आयोजन सचिव डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि ऑपरेशन से पहले मरीज के हर टेस्ट अनिवार्य हैं। पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी जांचों के आधार पर ऑपरेशन की प्लानिंग करें। इसके साथ ही प्री एनेस्थीसिया चेकअप प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाए। यदि शुरुआत में सभी जांचें कर ली जाती हैं, तो रिस्क फैक्टर का मैनेजमेंट बखूबी से किया जा सकता है। ऐसे में चीरा लगाते वक्त डॉक्टर मरीज की हर कंडीशन से वाकिफ होता और ऑपरेशन की सफलता दर भी बढ़ जाती है।