मैनपुरी के CHC में नवजात शिशु की मौत मामले में आरोपी नर्स पर गिरी गाज, जांच के बाद हो सकती है बड़ी कार्रवाई
मैनपुरी के करहल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नवजात शिशु का इलाज किए जाने की बजाये यहां संविदा स्टाफ नर्स परिजनों से नेग मांगने में जुटी हुई थी और लापरवाही के चलते नवजात की मौत हो गई। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के संज्ञान में मामला आने के बाद अब आरोपित स्टाफ नर्स का तबादला सुल्तानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कर दिया गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सरकारी अस्पताल में इलाज के नाम पर मनमानी और वसूली किए जाने का मामला सामने आया है। मैनपुरी के करहल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर नवजात शिशु का इलाज किए जाने की बजाए यहां संविदा स्टाफ नर्स ज्योति भदौरिया परिजनों से नेग मांगने में जुटी हुई थी और लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के संज्ञान में मामला आने के बाद अब आरोपित स्टाफ नर्स का तबादला सुल्तानगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कर दिया गया है।
मैनपुरी के ओन्हा पतारा की रहने वाली संजली को बीते 19 सितंबर को प्रसव पीड़ा हुई तो उसे करहल सीएचसी में भर्ती कराया गया। आरोप है कि यहां पर तैनात संविदा स्टाफ नर्स ज्योति भदौरिया ने बच्चा पैदा होने पर परिजनों से नेग मांगा। नेग न देने पर 40 मिनट बाद बच्चा परिजनों को दिया।
संजली के पति सुजीत का आरोप है कि इस बीच बच्चे की लगातार तबियत खराब होती गई और अंत में स्थिति ज्यादा खराब होने पर यहां डाक्टर व स्टाफ ने उपचार के लिए दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया। दूसरे अस्पताल ले जाते समय नवजात शिशु ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
जांच के दिए गए निर्देश
वहीं कानपुर के मंडील अपर निदेशक को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को मामले की एक सप्ताह में जांच किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजेंद्र सिंह व डॉ. संजीव राव बहादुर और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संजीव राव बहादुर शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: यूपी के मैनपुरी में पंचायत ने सुनाया तुगलकी फरमानः अंतरजातीय विवाह पर तीन परिवारों का बहिष्कार