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    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में बदलेंगे कई योजनाओं के नाम, आशा, ANM और चिकित्सा अधिकारियों की सलाह को दी जाएगी प्रमुखता

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 11:48 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कार्यक्रमों में आने वाले समय में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इसकी शुरुआत वर्ष 2026-27 की कार्यक्रम कार्या ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कार्यक्रमों में भविष्य में कई बदलाव दिखेंगे। वर्ष 2026-27 की कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (पीआइपी) से इसकी शुरुआत की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एनएचएम को अब हर वर्ष कार्ययोजना बनाकर भेजने के लिए कहा है। कई राष्ट्रीय कार्यक्रमों के प्रस्ताव नए नामों के साथ बनाने की सलाह दी गई है। योजना बनाते समय आशा, एएनएम और चिकित्सा अधिकारियों की सलाह को प्रमुखता से रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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    नई कार्ययोजना में ग्रामीण स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस को ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस के नाम से प्रस्ताव में शामिल करने की सलाह दी गई है। किशोर अनुकूल स्वास्थ्य क्लीनिक को अब किशोर अनुकूल स्वास्थ्य केंद्र और सहकर्मी शिक्षक कार्यक्रम को सहकर्मी शिक्षा कार्यक्रम नाम से कार्ययोजना में शामिल करने का सुझाव दिया गया है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि एक वर्ष की कार्ययोजना तैयार की जाए और उसे ही भेजा जाए।

    निचले स्तर से लेकर जिला और राज्य स्तर की योजना बनाने की सलाह

    इसमें निचले स्तर से लेकर जिला और राज्य स्तर की योजना बनाने की सलाह दी गई है जिससे स्थानीय स्वास्थ्य जरूरतों और प्राथमिकताओं की सही पहचान करके उन्हें पूरा किया जा सके। मंत्रालय का मानना है कि एएनएम, आशा और चिकित्सा अधिकारी स्तर के कार्यकर्ता योजना बनाने में सलाह देंगे तो जमीनी हकीकत और समुदाय की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। जिला स्तर की योजना को अंतिम रूप देने से पहले जन प्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं से सलाह लेने के लिए भी कहा गया है।

    पीआइपी में सामान्य समीक्षा मिशन (सीआरएम) के निष्कर्षों को भी ध्यान में रखा जाएगा जिससे स्वास्थ्य इकाइयों की कमियों को दूर किया जा सके। इसके अलावा सतत् विकास के लक्ष्यों और बीमारी खत्म करने के एक्शन प्लान को भी इसमें जोड़ा जाएगा।

    बीते माह ही सीआरएम की टीम ने अपनी रिपोर्ट एनएचएम को सौंपी है। महाप्रबंधक आइईसी अम्बुज श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2026-27 की पीआइपी को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है। इसे जल्द ही केंद्र को भेजा जाएगा।