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    स्मार्ट सिटी को देंगे रफ्तार, सबके लिए खुलेंगे द्वार : मुकेश मेश्राम lucknow news

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Wed, 04 Sep 2019 12:51 PM (IST)

    अनिल गर्ग ने दिया चार्ज मातहतों के साथ की बैठक।

    स्मार्ट सिटी को देंगे रफ्तार, सबके लिए खुलेंगे द्वार : मुकेश मेश्राम lucknow news

    लखनऊ, जेएनएन। शासन-सत्ता के गलियारों में अच्छे अधिकारियों में शुमार मुकेश मेश्राम ने मंगलवार को लखनऊ मंडलायुक्त का पद संभाला। विशिष्ट कार्यशैली के कारण हमेशा चर्चा में रहने वाले मुकेश ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को रफ्तार देने और शिकायतों के तत्काल निस्तारण की नियमित समीक्षा करने की बात कही।

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    यूपी काडर के 1995 बैच के आइएएस मुकेश अभी तक सचिव चिकित्सा शिक्षा के पद पर तैनात थे। मंगलवार को अनिल कुमार गर्ग से चार्ज लेने के बाद अधिकारियों के साथ बैठक की। इस मौके पर अधिकारियों ने अनिल गर्ग को स्मृति चिन्ह देकर विदाई दी। 

    मंडलायुक्त के सामने यह है चुनौतियां 

    स्मार्ट सिटी की धीमी रफ्तार : अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी प्रगति रिपोर्ट देखी जाएगी। अब तक क्या काम हुआ उसकी समीक्षा करने के बाद आगे की रणनीति बनेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सरकार की प्राथमिकता में है इसलिए इसे स्पीड दी जाएगी। 

    आइजीआरएस और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन : शिकायतों का निस्तारण समय से हो इसके लिए सभी डीएम को निर्देश दिए हैं। मैं प्रत्येक सप्ताह इसकी समीक्षा करूंगा। जहां पर भी लापरवाही होगी उसकी जवाबदेही तय होगी। 

    ध्वस्त ट्रैफिक व्यवस्था : इसके लिए कई योजनाओं पर काम चल रहा है। अधिकारियों से फीड बैक लिया जाएगा। आम लोगों को जाम का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए पूरा प्रयास होगा। 

    नहीं सुनते अफसर : सुबह नौ बजे से सभी अधिकारियों को कार्यालय में बैठकर आम लोगों की शिकायतों का निस्तारण करने को कहा गया है। अगर कोई शिकायतों को नजरअंदाज कर रहा है तो मेरे पास आ सकता है। मेरे कार्यालय के दरवाजे सबके लिए खुले हैं।      

    योजनाओं की धीमी रफ्तार : सरकार की योजनाएं और विकास कार्यक्रम पटरी पर दौड़े इसके लिए पूरा सिस्टम काम कर रहा है। कहीं पर कोई कड़ी ढीली रहेगी तो सब गड़बड़ हो जाएगी। इसलिए हर कड़ी को कसा जाएगा।

    योजनाओं को मिलेगी जमीन : पीएम आवास और दूसरी योजनाओं के लिए जमीन का टोटा नहीं होगा। एलडीए और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल होगा।  

    आइआइटी से आइएएस का सफर 

    मुकेश मेश्राम आइएएस बनने से पहले आइआइटी के छात्र थे। आइआइटी रुढ़की से निकलने के बाद बतौर आर्किटेक्ट और वैज्ञानिक रहे। 1995 में वह आइएएस बने। उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण, आयुक्त व्यापार कर, आयुक्त प्रयागराज, सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग सहित कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। खेलों में भी उनकी विशेष रुचि है। वह कई खेल संघों से भी जुड़े हैं।