Lucknow News: डॉक्टरों की लापरवाही से मातम में बदल गई परिवार की खुशियां, लोकबंधु अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत
मृतका के भाई कुलदीप विश्वकर्मा का आरोप है कि प्रसव पूर्व जांच में जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे। प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही ने दोनों की जान ले ली। आरोप है कि शिशु का वजन पांच किलो होने के बावजूद सामान्य प्रसव कराया गया। अगर आपरेशन से प्रसव होता तो दोनों जिंदगियां बच सकती थीं। उप मुख्यमंत्री से भी शिकायत कर कार्रवाई की गुहार लगाई है।
जागरण टीम, लखनऊ। घर में नन्हें मेहमान के स्वागत की तैयारियां चल रही थीं। परिवार के सभी सदस्य खुश थे, लेकिन लोकबंधु अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही ने खुशियों को मातम में बदल दिया। प्रसव के उपरांत हालत बिगड़ने से आरती शर्मा और शिशु की मौत हो गई। आरती के भाई कुलदीप विश्वकर्मा का आरोप है कि प्रसव पूर्व जांच में जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे। प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही ने दोनों की जान ले ली। आरोप है कि शिशु का वजन पांच किलो होने के बावजूद सामान्य प्रसव कराया गया। अगर आपरेशन से प्रसव होता तो दोनों जिंदगियां बच सकती थीं। परिवार के लोगों ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से भी मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
कुलदीप विश्वकर्मा ने बताया कि सरोजनीनगर के हनुमानपुरी में बहन का ससुराल है। 24 नवंबर की शाम को बहन को प्रसव पीड़ा होने पर बहनोई रविंद्र शर्मा, उनकी मां मिथिलेश ने लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया था। 25 नवंबर को रात 2:30 बजे के आसपास बच्चा पैदा हुआ। आरोप है कि चिकित्सकों की तरफ से जच्चा और बच्चा की हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
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बगैर सूचना ले गए शव
इंस्पेक्टर कृष्णानगर जितेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार, बिना सूचना के परिवारजन जच्चा-बच्चा का शव लेकर सरोजनीनगर चले गए थे। इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा गया है। वहीं, पोस्टमार्टम में विसरा सुरक्षित किया गया है।
खींचकर निकालने पर हालत बिगड़ी
कुलदीप का आरोप है कि प्रसव के दौरान मौके पर मौजूद स्वजन महिला ने बताया था कि नर्सों ने बच्चे का वजन अधिक होने के बावजूद आपरेशन नहीं करने दिया। नवजात को खींचकर निकाला। नवजात के जन्म के कुछ देर बाद ही बहन की हालत बिगड़ गई। थोड़ी ही देर बाद अस्पताल में बहन और नवजात की मौत हो गई।
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एक वर्ष पूर्व बेटे की मौत
इस हृदय विदारक घटना से परिवारजन का हाल बेहाल है। पति रविंद्र पेशे से बढ़ई हैं। उनकी एक 14 वर्षीय बेटी छवि दिव्यांग है, दूसरी 12 वर्षीय शगुन है। एक वर्ष पूर्व ही 10 वर्षीय बेटे कैलाश की कैंसर से मृत्यु हुई थी। इस बार भी बेटी हुई थी, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई।
बच्चे का वजन पांच किलो से ज्यादा था। पांच चिकित्सकों की एक कमेटी बनाकर जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। जांच में दोषी मिलने वालों के खिलाफ शासन को लिखा जाएगा। -अजय शंकर त्रिपाठी, चिकित्सा अधीक्षक, लोकबंधु अस्पताल
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