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    ‘मिशन शक्ति 5.0’: 5.1 लाख बालिकाओं को मिली महिलाओं के अधिकारों व कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 07:13 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें 5.12 लाख विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य बालिकाओं शिक्षिकाओं और अभिभावकों को सशक्तिकरण के कानूनी और वित्तीय उपायों से अवगत कराना था। कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी योजनाओं शिक्षा आत्मरक्षा वित्तीय स्वतंत्रता और लैंगिक समानता पर चर्चा की गई।

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    5.1 लाख बालिकाओं को मिली महिलाओं के अधिकारों व कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर के उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट विद्यालयों और केजीबीवी में महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों तथा उनके कल्याण के लिए एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस जनजागरूकता अभियान में 5.12 लाख विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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    यह कार्यक्रम बालिकाओं, शिक्षिकाओं और अभिभावकों को सशक्तिकरण के कानूनी और वित्तीय उपकरणों से अवगत कराने, उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने की प्रक्रिया समझाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। साथ ही कार्यक्रम में आत्मरक्षा, शिक्षा और वित्तीय स्वतंत्रता के महत्व पर विशेष जोर दिया गया।

    बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 सितम्बर को मिशन शक्ति 5.0 अभियान की शुरुआत की गयी थी और अब बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में यह गतिशील है।

    इन विषयों पर हुई चर्चा, दी गयी जानकारी

    इस कार्यक्रम में बालिकाओं और महिलाओं के अधिकारों तथा योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इनमें बालिकाओं के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के तहत सुरक्षा और कानूनी उपाय, बाल विवाह निषेध अधिनियम और इसके दुष्परिणाम, समाज के हर क्षेत्र में लैंगिक समानता और सम्मान का महत्व, महिला एवं बाल अधिकारी की भूमिका और सेवाएं, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास, ज्योति उज्जवला योजना और 1090 महिला हेल्पलाइन, बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान, बालिकाओं की उच्च शिक्षा और विवाह के लिए सुकन्या समृद्धि योजना, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए जननी सुरक्षा योजना, हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर (सखी), गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, महिला उद्यमियों के लिए मुद्रा योजना, बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और बाल सेवा योजना और संपत्ति में अधिकार और अन्य कल्याणकारी योजनाएं शामिल रहीं।

    इस दौरान शिक्षक और विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी शंकाओं का समाधान किया और उन्हें आत्मविश्वास और जागरूकता के साथ अपने अधिकारों का सही उपयोग करने की प्रेरणा दी।

    इस जागरूकता कार्यक्रम ने छात्राओं को सुरक्षित और उज्जवल भविष्य के लिए उपलब्ध संसाधनों की स्पष्ट जानकारी दी। शिक्षिकाओं और स्थानीय समुदाय को इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने और जरूरतमंदों तक पहुँचाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने हेतु प्रेरित किया गया। यह पहल शैक्षणिक संस्थानों को शिक्षा के केंद्र के साथ-साथ उन्हें सशक्तिकरण, सामाजिक जागरूकता और बदलाव का केंद्र भी बनाती है। जब बालिकाएँ सशक्त होंगी, तभी समाज और राष्ट्र की नींव भी मजबूत होगी।

    -मोनिका रानी, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश