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    Milkipur Bypoll 2025 result: ढीली पड़ती सपा-कांग्रेस गठबंधन की गांठ, विधानसभा चुनाव में दोनों ने चुनी अलग राह

    लोकसभा चुनाव में साथ आने के बाद उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन की गांठ ढीली पड़ती दिख रही है। विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बताते हैं कि कांग्रेस से दूरी के बाद सपा को उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले। कांग्रेस ने भी उपचुनाव से दूरी बनाकर अपनी अलग राह तय करने के संकेत दिए हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सपा पर दबाव बनाने में कामयाब रही है।

    By Alok Mishra Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 08 Feb 2025 04:54 PM (IST)
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    Milkipur Bypoll 2025 result: कांग्रेस से दूरी के बाद सपा नतीजे नहीं पा सकी।

    आलोक मिश्र, जागरण, लखनऊ। लोकसभा चुनाव में भले ही पंजे के साथ ने साइकिल की रफ्तार बढ़ा दी थी पर अब प्रदेश में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए की गांठ ढीली पड़ती नजर आ रही है। विधानसभा उपचुनाव के परिणाम से साफ है कि कांग्रेस से दूरी के बाद सपा वह नतीजे नहीं पा सकी, जिसकी उसे उम्मीद थी।

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    कांग्रेस ने भी उपचुनाव से दूरी बनाकर अपनी अलग राह तय करने के संकेत पहले ही दे दिए थे। मिल्कीपुर में भाजपा की जीत और दिल्ली विधानसभा चुनाव में सपा के समर्थन के बाद भी आप (आम आदमी पार्टी) की करारी हार अंदरखाने कांग्रेस के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं। कांग्रेस आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सपा पर दबाव बनाने में कामयाब रही है।

    मिल्कीपुर सीट भाजपा व सपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न थी। इसके बाद भी सपा ने यहां बाजी मारने के लिए कांग्रेस की ओर नहीं देखा। हालांकि दोनों दलों के बीच दूरियां उपचुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर शुरू हुई खींचतान के दौरान ही बढ़नी शुरू हो गई थी।

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    पहले घोषित हुई उपचुनाव की नौ सीटों में सपा केवल दो सीटें खैर व गाजियाबाद ही कांग्रेस को देने को राजी थी। दोनों ही सीटों पर भाजपा की दावेदारी मजबूत थी और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव परिणाम से कार्यकर्ताओं में जागे उत्साह को बनाए रखना बेहतर समझा।

    बाएं से अखिलेश यादव और राहुल गांधी। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)


    चुनौती भरी दो सीटों पर भिड़ने के बजाए कांग्रेस ने एक भी सीट पर उपचुनाव न लड़कर सहयोगी दल सपा का पूरा सहयोग करने की घोषणा की थी। इसके बाद सपा ने कांग्रेस पर दबाव बढ़ाने के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप का समर्थन किया। इसी का परिणाम रहा कि कांग्रेस ने मिल्कीपुर सीट पर हो रहे उपचुनाव से दूरी बना ली।

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    कांग्रेस का एक भी बड़ा नेता मिल्कीपुर में प्रचार करने नहीं पहुंचा। सपा ने भी कांग्रेस नेताओं को बुलाने की कोई पहल नहीं की। आने वाले दिनों में यह फासले और बढ़ेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि मिल्कीपुर उपचुनाव में कांग्रेस जिला संगठन ने सपा का पूरा सहयोग किया था।

    कांग्रेस प्रदेश में अपने संगठन के पुनर्गठन का काम कर रही है। अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी सभी 403 सीटों पर अपनी तैयारी करेगी। सपा से गठबंधन को लेकर कोई भी निर्णय केंद्रीय नेतृत्व करेगा।