Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    खून की कमी से हो किशोरियों की भी हो रही याददाश्त कमजोर, ब्रेन को नहीं मिलती भरपूर ऑक्सीजन

    By Anurag GuptaEdited By:
    Updated: Thu, 05 Mar 2020 04:15 PM (IST)

    लखनऊ के लोहिया संस्थान में न्यूरोफिजियोलॉजी ऑफ हाई ब्रेन फंक्शन पर कार्यशाला ब्रेन फंक्शन पर हुई चर्चा।

    खून की कमी से हो किशोरियों की भी हो रही याददाश्त कमजोर, ब्रेन को नहीं मिलती भरपूर ऑक्सीजन

    लखनऊ, जेएनएन। देश में एनीमिया का ग्राफ काफी है। किशोरी, बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में सुस्ती, थकान के साथ-साथ उनका मन पढ़ाई से भी उचट रहा है। खासकर, उनमें भूलने की समस्या हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बुधवार को फिजियोलॉजी विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें 'न्यूरोफिजियोलॉजी ऑफ हाई ब्रेन फंक्शनÓ पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। विभाग के अध्यक्ष डॉ. नितिन अशोक जॉन ने कहा कि खून की कमी दिमाग की सेहत के लिए भी घातक है। खून के जरिए ही शरीर के अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। वहीं जब हीमोग्लोबिन की कमी होगी तो दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल सकेगी। ऐसे में याददाश्त के लिए आवश्यक न्यूरॉन्स सर्किट

    का निर्माण प्रभावित होता है। 

    याददाश्त के लिए फिट होना जरूरी

    डॉ. मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि शॉर्ट टर्म-लांग टर्म दो तरह की मेमोरी (याददाश्त) होती है। लांग टर्म मेमोरी के लिए कम से कम चार-पांच बार विषय को पढ़ें। इसके बाद मैटर ब्रेन के वर्नीकेज एरिया ऑफ नॉलेज में स्टोर हो जाता है। यह लंबे समय तक याद रहता है। वहीं जन्म के बाद शिशु के खून में हीमोग्लोबिन की जांच कराएं। यदि हीमोग्लोबिन कम मिले तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन का सिरप दें। इसके अलावा बच्चों की याददाश्त बढ़ाने के लिए पढऩे की आदत डालें। 

    पहेली का सुलझाएं 

    बीएचयू की डॉ. रतना पांडेय ने कहा कि दिमाग के वर्निकेज में दिन भर की बातें एकत्र होती हैं। याददाश्त को बढ़ाने व बरकरार रखने के लिए दिमागी घोड़ा दौड़ाते रहें। ब्रेन तेज करने के लिए पहेली सुलझाएं। विभिन्न टास्क लेकर वर्कअप करें।