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मेडिकल में सुपर स्पेशलिटी डीएम व एमसीएच डिग्रीधारी बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर, संविदा पर होगी नियुक्त

उत्तर प्रदेश में सुपर स्पेशलिटी डिग्री कोर्स डीएम और एमसीएस के डिग्री धारकों को संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त करने के आदेश शुक्रवार को जारी कर दिए गए। इन्हें संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर या फिर सुपर स्पेशियलिटी विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 20 Aug 2021 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 20 Aug 2021 10:33 PM (IST)
मेडिकल में सुपर स्पेशलिटी डीएम व एमसीएच डिग्रीधारी बनेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर, संविदा पर होगी नियुक्त
डीएम और एमसीएस के डिग्री धारकों को संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किया जाएगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में सुपर स्पेशलिटी डिग्री कोर्स डीएम और एमसीएस के डिग्री धारकों को संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त करने के आदेश शुक्रवार को जारी कर दिए गए। प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार इन्हें चिकित्सा विश्वविद्यालयों, विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों, राजकीय मेडिकल कालेजों और जिला व मंडल अस्पतालों में संविदा पर असिस्टेंट प्रोफेसर या फिर सुपर स्पेशियलिटी विशेषज्ञ चिकित्सक के पद पर नियुक्त किया जाएगा। इन्हें 1.20 लाख रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। कोर्स पूरा होने के बावजूद इन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त न किए जाने पर यह विरोध कर रहे थे। बीते तीन दिनों से चल रहा आंदोलन मांग पूरी होने के बाद खत्म हो गया।

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रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. आकाश माथुर का कहना है कि डीएम व एमसीएच कोर्स के वर्ष 2018 बैच के विद्यार्थी बीते 13 अगस्त 2021 को पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। कोर्स की पढ़ाई पूरी होने पर तत्काल असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त करने का नियम है, लेकिन इसे लेकर अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ था। इसके कारण रेजीडेंट डाक्टरों को आंदोलन करना पड़ा। क्योंकि समय पर नियुक्ति न होने पर डीएम व एमसीएच डिग्री धारकों को आगे डाक्टरों की वरिष्ठता क्रम में नुकसान होने का खतरा था।

अब आदेश जारी होने के बाद बड़ी राहत मिल गई है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज व मेरठ के चिकित्सा संस्थानों में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स डीएम व एमसीएच के विद्यार्थी हैं, जो इस आदेश का इंतजार कर रहे थे। मालूम हो कि इस कोर्स में दाखिला लेने वालों से एक करोड़ का बांड भी भरवाया जाता है। अगर यह कोर्स की पढ़ाई बीच में छोड़ते हैं तो यह रकम भरनी पड़ती है।


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