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    लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में भीषण आग, 200 से अधिक मरीजों को किया गया रेस्क्यू; दूसरे अस्पताल में शिफ्ट हुए मरीज

    Updated: Tue, 15 Apr 2025 12:23 AM (IST)

    लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल की दूसरी मंजिल पर रात 10 बजे आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। महिला वार्ड और बच्चों के एनआईसीयू सहित अस्पताल में 200 से अधिक मरीज भर्ती थे। दमकल विभाग और स्टाफ की मदद से सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। गंभीर मरीजों को केजीएमयू व अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है।

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    लोकबंधु अस्पताल में लगी आग के बाद मरीजों को स्ट्रेचर और गोद में लेकर बाहर निकाला गया।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। लोकबंधु अस्पताल के दूसरी मंजिल में रात 10 बजे अचानक आग लग गई। देखते-देखते ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस मंजिल पर बच्चों की एनआईसीयू और महिला वार्ड है। आग के कारण पूरे अस्पताल में धुंआ भर गया था। अंदर सौ से अधिक मरीज फंसे थे। जिनको अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारी, तीमारदारों व दमकलकर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाला।

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    दूसरी मंजिल पर ही 40 से अधिक मरीज भर्ती थे। हादसे के समय अस्पताल में कुल 200 मरीज भर्ती थे। सूचना मिलते ही दमकल की दर्जन भर गाड़ियां पहुंच गई थी। देर रात तक राहत कार्य जारी रहा। हादसे की सूचना मिलते उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक अस्पताल पहुंच गये। वहां राहत कार्य व मरीजों की स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दे रहे थे। वहीं मरीजों को केजीएमयू, बलरामपुर, आरएलबी और सिविल अस्पताल में भेजा गया है।

    लोकबंधु राजनारायण अस्पताल की दूसरी मंजिल पर बने एनआईसीयू और महिला वार्ड से रात करीब 10 बजे धुआं निकलते देख, अफरा-तफरी मच गई। कर्मचारियों ने जैसे ही धुआं निकलता देखा तो मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि जिस समय वार्ड में आग लगी उस समय वार्ड में कुल 40 मरीज थे। सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसके साथ ही अन्य वार्डों में भी अलर्ट जारी कर सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। दूसरे मंजिल पर बच्चों का एनआईसीयू वार्ड भी था। सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

    देखते-देखते तीन मंजिलों में फैल गई आग

    अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि आग दूसरी मंजिल के एनआईसीयू में लगी थी। इसके बाद देखते-देखते तीसरी और पहली मंजिल को भी अपने जद में ले लिया। हर तरफ धुआं भर गया था। कुछ दिखाई नहीं पड़ा रहा था। सिर्फ कर्मचारियों और मरीजों के चीखपुकार ही सुनाई दे रहे थे। किसी तरह मॉस्क लगाकर कर्मचारियों और तीमारदारों ने मरीजों को बाहर निकाला। इस दौरान कई मरीजों और कर्मचारियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। सभी आनन-फानन खुले में दूर पहुंचाया गया।

    परिसर और सड़क को वार्ड बना शुरू किया इलाज

    भूतल पर धुआं देखा गया। अस्पताल के चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत मरीजों को वहां से शिफ्ट करना शुरू किया। करीब 200 मरीजों को वहां से शिफ्ट किया गया है, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। दमकल विभाग के कर्मचारी और अधिकारी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। कोई मरीज हताहत नहीं हुआ है। दो-तीन गंभीर मरीजों को केजीएमयू के आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया है। ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री

    आग लगते ही वार्ड से मरीजों को बाहर निकालकर परिसर व सड़क पर बेड और स्ट्रेचर पर लिटाया गया। कुछ मरीजों को तीमारदार व कर्मचारी गोद में लेकर भागे। नीचे पहुंचने के बाद डॉक्टरों व कुछ कर्मचारियों ने मरीजों की जांच शुरू की। खुले में ही इलाज शुरू कर दिया। इसके बाद मरीजों को एम्बुलेंस की मदद से केजीएमयू, सिविल और बलरामपुर अस्पताल में शिफ्ट कराया गया।

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