Maha Kumbh 2025 हादसे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का हमला, कहा- उपनिरीक्षक की मौत पर झूठ बोल रही सरकार
Mahakumbh में भगदड़ के दौरान पुलिस उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय की मौत पर कांग्रेस ने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सरकार अपने ही उपनिरीक्षक की मौत को छिपा रही है जबकि पुलिस की जीडी में उनकी मौत 29 जनवरी की दोपहर 12.30 बजे दर्ज है। कांग्रेस ने भगदड़ में घायल और लापता लोगों की सूची जारी करने की मांग दोहराई।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) में भगदड़ की घटना को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है। भगदड़ में घायल व लापता लोगों की सूची जारी किए जाने को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे जाने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को इस मुद्दे को फिर उठाया।
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) ने कहा कि महाकुंभ में हुई भगदड़ में सरकार ने 30 लोगों की मृत्यु स्वीकार की है। आरोप लगाया कि भगदड़ में ही पुलिस उपनिरीक्षक अंजनी कुमार राय की भी मौत हुई थी, जिसे पुलिस नकार रही है।
कुंभ मेला पुलिस ने पांच फरवरी को एक्स पर लिखा था कि उपनिरीक्षक की मौत भगदड़ में नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई। उप निरीक्षक की मौत 30 जनवरी को होने की बात कही। जबकि पुलिस की जीडी (जनरल डायरी) में उप निरीक्षक की मौत 29 जनवरी की दोपहर 12.30 बजे होने की बात दर्ज है। जब सरकार अपने ही उपनिरीक्षक की मौत को दबा रही है तो आम आदमी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्पष्ट है कि भगदड़ में बड़ी संख्या में मौत हुई थीं। घटना में घायल व लापता लोगों की सूची जारी किये जाने की मांग दोहराई।
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महाकुंभ मेला (Maha Kumbh 2025) में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है। जागरण
पार्टी कार्यालय में कहा कि भगदड़ की घटना के बाद पीड़ित लोगों की मदद के लिए एक भी टोल फ्री नंबर तक जारी नहीं किया गया। उपनिरीक्षक की मौत पर कोई अधिकारी उनके घर नहीं गया। जब पांच फरवरी को वह दिवंगत उप निरीक्षक के जौनपुर स्थित आवास पहुंचे तो उसके अगले दिन एसपी जौनपुर उनके घर भेजे गए।
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उपनिरीक्षक के पार्थिव शरीर को ले जाने के लिए स्वजन को 11 घंटे बाद एम्बुलेंस मिली थी। यह सरकार की संवेदनहीनता है। अमेरिका से बेड़ियों में जकड़कर भेजे गए 104 भारतीयों का मुद्दा भी उठाया।
कहा कि अमेरिका से लाए गए लोगों के साथ अमानवीयता की गई, जो पूरे देश का अपमान है। कोलंबिया सरकार ने अपने नागरिकों को सम्मान से वापस बुलाया लेकिन भारत सरकार ने ऐसी कोई पहल नहीं की।

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