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    माघ मेला में मुख्य स्नान पर्वों पर नहीं मिलेगा कोई VIP प्रोटोकॉल, सीएम योगी ने जारी किए सख्त निर्देश

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 08:47 PM (IST)

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने माघ मेला 2026 की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी भी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल न देने के सख् ...और पढ़ें

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    प्रयागराज में 44 दिनों तक चलेगा माघ मेला-2026

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम तट पर प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला-2026 की तैयारियों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का सजीव उदाहरण है। उन्होंने निर्देश दिए कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि संगम पर कल्पवास, स्नान और साधना की परंपरा भारतीय सांस्कृतिक चेतना की आत्मा है। इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे। महाकुम्भ के सुव्यवस्थित आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को लेकर देश और दुनिया में विशेष उत्साह है। यह मेला समाज को संयम, समरसता और सेवा का संदेश देता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि व्यवस्थाओं में आध्यात्मिक गरिमा बनी रहे, लेकिन किसी भी स्तर पर अव्यवस्था या असुविधा न हो।

    उन्होंने गृह विभाग को निर्देश दिए कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल न दिया जाए, इन संबंध में आवश्यक सूचना जारी कर दी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि माघ मेले से जुड़े सभी विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी और अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था स्वयं मेला क्षेत्र जाकर तैयारियों की समीक्षा करें। 31 दिसम्बर तक सारी तैयारी पूरी कर ली जाए।

    बैठक में मंडलायुक्त प्रयागराज ने बताया कि माघ मेला-2026 का आयोजन 3 जनवरी से 15 फरवरी 2026 तक कुल 44 दिनों तक होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे। पूरे मेला काल में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जबकि मौनी अमावस्या जैसे प्रमुख पर्व पर एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के संगम स्नान की संभावना को देखते हुए व्यवस्थाएं उसी अनुरूप की जा रही हैं।

    बैठक में यह भी बताया गया कि मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर किया गया है। सेक्टरों की संख्या 5 से बढ़ाकर 7 कर दी गई है। स्नान घाटों की कुल लंबाई में पिछले माघ मेले की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 42 पार्किंग स्थल, 9 पांटून पुल, बेहतर आंतरिक सड़क व्यवस्था और सुगम आवागमन की विस्तृत कार्ययोजना पर काम अंतिम चरण में है।

    सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। उन्होंने ट्रैफिक एवं क्राउड मैनेजमेंट के लिए ठोस और बहुस्तरीय कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। पुलिस आयुक्त, प्रयागराज कमिश्नरेट ने बताया कि मेला अवधि के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। लगभग 450 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिनमें से 250 कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी तैनात की जाएंगी।

    मेला क्षेत्र में एआई आधारित सर्विलांस एवं क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पुलिसकार्मिकों के बेहतर व्यवहार और श्रद्धालु-संवेदनशील दृष्टिकोण के लिए आवश्यक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेट्स के सहयोग को भी व्यवस्थाओं में शामिल करने को कहा। साथ ही नाविकों के साथ संवाद और समन्वय बनाए रखने तथा श्रद्धालुओं के लिए खान-पान एवं विभिन्न सेवाओं के शुल्क को नियंत्रित रखने के निर्देश भी दिए।

    नवाचारों पर विशेष बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला-2026 को सुविधाओं और तकनीक के स्तर पर एक नया मानक बनना चाहिए। बैठक में बताया गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ऐप आधारित बाइक टैक्सी सेवा, दिशा सूचक संकेतों का व्यापक विस्तार, विद्युत पोलों पर क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली, निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु रिंग मेन यूनिट, कटाव रोकने के लिए जियो-ट्यूब तकनीक तथा पूर्वनिर्मित सीवेज शोधन संयंत्र जैसी व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ये सभी नवाचार ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप से दिखाई देने चाहिए।

    मुख्यमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रतिबंध पर जोर देते हुए कहा कि माघ मेला स्वच्छता का उदाहरण बने। बैठक में जानकारी दी गई कि मेला क्षेत्र में कुल 16,650 शौचालयों की स्थापना की जा रही है, जिनमें महिलाओं के लिए पृथक और पर्याप्त सुविधाएं शामिल हैं। लगभग 3300 सफाई मित्रों की 24 घंटे तैनाती की जाएगी। उनके लिए सैनीटेशन कॉलोनी, बच्चों हेतु आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि मेले में कार्यरत स्वच्छताकर्मियों के मानदेय का भुगतान प्रत्येक दशा में 15 दिवस के भीतर कर दिया जाए।

    नगर विकास विभाग को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे गंगा-यमुना की पवित्रता अक्षुण्ण बनी रहे।

    स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में बताया गया कि मेला क्षेत्र में 20-20 बेड के दो अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एंबुलेंस तथा आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जा रही हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके।

    नदी और बाढ़ प्रबंधन को लेकर बैठक में बताया गया कि नदी प्रशिक्षण, अस्थायी तटबंध, जेट्टी निर्माण, नालों की सफाई और जलस्तर की निरंतर निगरानी का कार्य किया जा रहा है। जेट्टी निर्माण का कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नदी क्षेत्र में नियमित गश्त सुनिश्चित की जाए। साथ ही मेले से पूर्व प्रभावी मॉक ड्रिल कराई जाए तथा अग्निशमन दस्तों के पास आधुनिक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

    इस वर्ष पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से माघ मेला के दौरान लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला तथा प्रदेश की समृद्ध कला-संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम एवं प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। साथ ही 19वीं एवं 20वीं शताब्दी के प्रारम्भिक माघ मेला आयोजनों की प्रशासनिक व्यवस्थाओं से संबंधित लोक अभिलेखों तथा सनातन परंपरा एवं अध्यात्म से जुड़ी दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ समयबद्ध ढंग से कार्य पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि माघ मेला-2026 ऐसा आयोजन बने, जिसमें आस्था, सुरक्षा, स्वच्छता, नवाचार और संवेदनशील प्रशासन सभी का संतुलित और प्रभावी स्वरूप दिखाई दे।