Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जेल की सलाखों से बाहर नहीं आएगा माफिया बबलू श्रीवास्तव, दोबारा खारिज हुई समय पूर्व रिहाई की याचिका

    Updated: Mon, 03 Mar 2025 11:41 PM (IST)

    माफिया बबलू श्रीवास्तव को समय से पहले रिहाई नहीं मिलेगी। राज्यपाल ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले नवंबर 2024 में भी उनकी याचिका खारिज हो चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में दोबारा विचार करने का निर्देश दिया था। बबलू श्रीवास्तव पर 1993 में प्रयागराज में अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या का आरोप है। उन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई है।

    Hero Image
    जेल की सलाखों से बाहर नहीं आएगा माफिया बबलू श्रीवास्तव (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। हत्या के मामले में केंद्रीय कारागार बरेली में आजीवन कारावास की सजा काट रहा माफिया ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव सलाखों के बाहर नहीं आ सकेगा। बबलू श्रीवास्तव की समयपूर्व रिहाई की याचिका राज्यपाल ने खारिज कर दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पूर्व बबलू श्रीवास्तव की समयपूर्व रिहाई के लिए दी गई याचिका नवंबर, 2024 में खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी माह में याचिका पर छह सप्ताह में दोबारा विचार किए जाने का निर्देश दिया था।

    लखनऊ के हसनगंज निवासी बबलू श्रीवास्तव को 24 मार्च, 1993 को प्रयागराज में अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की हत्या के मामले में 30 सितंबर, 2008 को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

    पुलिस उपायुक्त व डीएम लखनऊ ने पांच बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया कि बबलू श्रीवास्तव द्वारा की गई घटना सीमित अपराध की श्रेणी में नहीं आती।

    उसके फिर से अपराध करने की प्रबल संभावना है और बंदी फिर से अपराध करने में सशक्त है। बंदी जघन्य अपराध कर सकता है। इसके दृष्टिगत सलाहकार समिति ने समयपूर्व रिहाई की संस्तुति नहीं की।

    पढ़ाई के दौरान ही बबलू ने अपराध की दुनिया में रखा कदम

    लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही बबलू ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था। कुछ समय बाद उसके संपर्क बड़े माफिया से बन गए थे। 24 मार्च 1993 को बबलू ने अपने दो साथियों के साथ शाम करीब सवा सात बजे प्रयागराज में अपर कस्टम कलेक्टर एलडी अरोड़ा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

    जिस समय उन्हें गोलियां मारी गईं, उस समय वह कार्यालय से लौटकर अपने घर के बाहर कार खड़ी कर रहे थे।इसके बाद बबलू फरार हो गया था। उसे मारीशस से गिरफ्तार किया गया था। कानपुर स्थित टाडा की विशेष अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। नौ मार्च 2024 तक बबलू 34 वर्ष 12 दिन की सपरिहार सजा काट चुका है।

    दाऊद से जुड़े थे माफिया डॉन के तार

    एक वक्त था जब अंडरवर्ल्ड डान दाऊद से भी माफिया डान बबलू श्रीवास्तव के तार जुड़े होने की बात सामने आई थी। सन 1993 में हुए मुंबई में बम ब्लास्ट में दाऊद व बबलू के रिश्तों की चर्चा उठी थी। माफिया डॉन एसटीएफ व अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर था। अधिकारी की हत्या में वह हत्थे चढ़ा था।

    यह भी पढ़ें: माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव : जिसकी हरकतों से खौफ खाता था प्रशासन

    comedy show banner