माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव : जिसकी हरकतों से खौफ खाता था प्रशासन, हुआ 'साइलेंट किलर' बीमारियाें का शिकार
Mafia Don Babloo Shrivastava सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद माफिया डान ओम बबलू श्रीवास्तव का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण किया गया। चुनावी सरगर्मी के बीच मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल लाए गए माफिया की जानकारी से खलबली मच गई।

बरेली, जेएनएन। Mafia Don Babloo Shrivastava : सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद माफिया डान ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव को जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए लाया गया। चुनावी सरगर्मी के बीच मेडिकल परीक्षण के लिए माफिया के आने की जानकारी से जिला अस्पताल में खलबली मच गई। साथ आई भारी फोर्स ने आनन-फानन में ओपीडी खाली करा दी। मरीजों को तक अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। डाक्टरों ने माफिया के पेट का अल्ट्रासाउंड, आंखों की जांच व ब्लड की जांच व ईसीजी की। अब मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर माफिया का आगे का उपचार तय होगा।
माफिया डान ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव एक अधिकारी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जून साल 1999 से वह सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। उसके साथ उसके साथी मंगेश उर्फ मंगे व कमल सैनी भी सेंट्रल जेल में बंद है। मेडिकल परीक्षण के संबंध में सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक आरएन पांडेय ने बताया कि बबलू ने पेट में दिक्कत के साथ आंख में रोशनी संबंधी परेशानी, ब्लड प्रेशर व डायबिटीज की बीमारी होने की बात बताई थी।
जेल की डाक्टरों की टीम ने परीक्षण के दौरान उसे जिला अस्पताल रेफर कर जांच कराने की बात कही थी। इसी के बाद वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने माफिया के मेडिकल परीक्षण के लिए एसएसपी से सुरक्षा व्यवस्था के लिए फोर्स मांगी थी। सोमवार को जब माफिया जांच के लिए लाया गया तो भारी फोर्स तैनात रही। खुद सीओ सेकेंड आशीष प्रताप सिंह फोर्स का नेतृत्व कर रहे थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच माफिया की जांच कराई गई। जांच के दौरान माफिया करीब एक घंटे तक जिला अस्पताल में रहा। इस दौरान जिला अस्पताल की ओपीडी में अफरा-तफरी का माहौल रहा।
वर्ष 2018 में हुआ था अंतिम बार मेडिकल परीक्षण
जानकारी के मुताबिक, माफिया का करीब तीन वर्ष पहले वर्ष 2018 में अंतिम बार स्वास्थ्य परीक्षण हुआ था। बीते कुछ दिनों पहले उसने पेट में दिक्कत के साथ, आंख में परेशानी, डायबिटीज व बीपी की दिक्कत का हवाला देकर जेल प्रशासन से जांच कराने कराने की मांग की थी। कुछ दिन पहले ही उसका मेडिकल परीक्षण होना था लेकिन, शहर में वीआइपी मूवमेंट होने के चलते उसका मेडिकल परीक्षण नहीं हो पाया था।
दाऊद से जुड़े थे माफिया डान के तार
एक वक्त था जब अंडरवर्ल्ड डान दाऊद से भी माफिया डान बबलू श्रीवास्तव के तार जुड़े होने की बात सामने आई थी। सन 1993 में हुए मुंबई में बम ब्लास्ट में दाऊद व बबलू के रिश्तों की चर्चा उठी थी। माफिया डान एसटीएफ व अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर था। अधिकारी की हत्या में वह हत्थे चढ़ा था।
पूरे शान-ए-शौकत में था बबलू, रिपोर्ट रखी गई गुप्त
जांच के लिए पहुंचा बबलू श्रीवास्तव पूरी शान-ए-शौकत में दिखा। हाथों में अंगुठियों के साथ ब्रांडेड जैकेट पहने हुए था। सामान्य व्यक्ति देखकर यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगा सकता था कि वह 22 साल से जेल में बंद है। इधर, बबलू के मेडिकल परीक्षण में क्या आया, स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह बात गुप्त रखी। रिपोर्ट पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
कैदी बबलू ने कई बीमारियों से ग्रसित होने की बात कही थी। डाक्टरों की सलाह पर उसके पेट का अल्ट्रासाउंड, आंख, डायबिटीज व बीपी की जांच के साथ ईसीजी कराई गई है। - आरएन पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, सेंट्रल जेल
इन बीमारियों को कहते है साइलेंट किलर
चिकित्सा जगत में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर के नाम से जाना जाता है।चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार ये बीमारियां अंदर ही अंदर व्यक्ति के शरीर को खोखला कर देती है।जिनसे प्रभावित होने के बाद मल्टी अंग फेलियर होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। क्योंकि यह बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों पर अपना प्रतिकूल प्रभाव डालती है। जिसका पता काफी देर बाद चल पाता है। इसलिए इन बीमारियों को मेडिकल साइंस में साइलेंट किलर के तौर पर जाना जाता है।
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