UP National Highway: लखनऊ-रायबरेली नेशनल हाईवे पर रफ्तार में आएगी तेजी, दो नए बाईपास की तैयारी
लखनऊ और रायबरेली के बीच NHAI मोहनलालगंज और बछरावां में बाईपास बनाने की योजना बना रहा है। सड़क परिवहन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है जिससे वाहनों की गति बढ़ेगी और जाम कम होगा। वर्तमान में इन स्थानों पर ट्रैफिक धीमा हो जाता है। NHAI का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक काम शुरू हो जाए जिससे यात्रियों को सुविधा मिले और यातायात सुगम हो।

अंशू दीक्षित, लखनऊ। राजधानी से रायबरेली के बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) मोहनलालगंज व बछरावां में बाईपास बनाने जा रहा है। इसकी कवायद तेज हो गई है। एनएचएआइ ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पूरा प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है।
सबसे पहले कंसल्टेंट का चयन होगा, फिर सर्वे और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम किया जाएगा। इन दो बाईपास के बन जाने से वाहनों की रफ्तार बढ़ेगी। वर्तमान में मोहनलालगंज व बछरावां ऐसे दो स्थान राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ते हैं, जो वाहनों की गति पर ब्रेक लगा देते हैं।
यहां वाहन अमूमन दस से पंद्रह मिनट जाम में फंसते ही है। कभी-कभी यह समय बढ़ भी जाता है। क्योंकि मोहनलालगंज में मौरांवा, गोसाईगंज, रायबरेली व लखनऊ से आने वाला ट्रैफिक चौराहे से होकर गुजरता है।
वहीं बछरावां में रायबरेली, लखनऊ, महाराजगंज व लालगंज का आने व जाने वाला ट्रैफिक चौराहे से होकर निकलता है। यहां फ्लाईओवर बनने के बाद भी पिछले चंद सालों में ट्रैफिक भी दोगुना हो गया है।
एनएचएआइ लखनऊ के अधिकारियों निरीक्षण में पाया कि फोर लेन होने के बाद जो स्पीड होनी चाहिए, वह वाहनों की नहीं है। लखनऊ से चलते ही तेलीबाग, एसजीपीआइ, कल्ली पश्चिम, मोहनलालगंज, निगोहां तक वाहनों की गति औसतन पचास किमी. प्रति घंटे की ही निकल पाती है।
निगोहां से बछरावां तक वाहनों को गति अच्छी होती है लेकिन बछरावां में फिर वाहनों की गति पर ब्रेक लग जाता है। यही हाल रायबरेली से लखनऊ आने में है। प्राधिकरण अफसरों के मुताबिक पिछले सात से आठ सालों में वाहनों की संख्या दो गुनी हो गई। एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में लखनऊ से रायबरेली राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीस हजार से अधिक वाहन प्रतिदिन चलते हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।
बेहतर कनेक्टिविटी की कंसल्टेंट कंपनी करेगी चयन
एनएचएआइ द्वारा चयनित कंसल्टेंट टीम देखेगी कि बाईपास किस रूट से निकाला जाए। इसके अलावा बेहतर कनेक्टिविटी हो और कई दशक तक ट्रैफिक का लोड बढ़ने के बाद भी उस राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर वाहन सुगमता से चलते रहे।
इसको देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग मार्च 2026 से काम भी शुरू करने की योजना बना रहा है। क्योंकि प्रोजेक्ट जितना विलंब से शुरू होगा, उतना लोगों को जाम से जूझना पड़ेगा और वाहनों की संख्या भी बढ़ती रहेगी।
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