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    लखनऊ पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने 2025 में 10 हजार संदिग्ध नंबर कराए ब्लॉक, 11.68 करोड़ रुपये फ्रीज

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 03:16 PM (IST)

    लखनऊ पुलिस ने अपनी वार्षिक अपराध रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया कि 6456 साइबर अपराध शिकायतों में से 90% का निस्तारण हुआ। पुलिस ने लगभग 10 हजार मो ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस ने रविवार को वार्षिक अपराध रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बताया गया कि एक जनवरी 2025 से 28 दिसंबर तक शहर में साइबर अपराध की कुल 6456 शिकायतें आई। इनमें से 90 प्रतिशत शिकायतें निस्तारित कर दी गईं।

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    साइबर अपराध में इस्तेमाल हुए लगभग 10 हजार मोबाइल नंबर पुलिस ने ब्लाक कराए। साथ ही लोगों के खाते से ठगी कर विभिन्न खातों में ट्रांसफर कराए गए 11.68 करोड़ रुपये भी फ्रीज कराए हैं।

    संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था बबलू कुमार के मुताबिक, रिपोर्ट में अन्य कार्रवाई के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष हत्या की घटनाएं कम हुई हैं। साथ ही ऐसी घटनाओं में शामिल 525 आरोपितों को जेल भेजा गया जबकि तीन के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम में भी कार्रवाई की गई।

    पुलिस का दावा है कि इस वर्ष जिले में डकैती की कोई घटना नहीं हुई है। इसके साथ ही गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट के तहत की गई कार्रवाई के बारे में भी बताया है। आपरेशन कन्विक्शन के तहत 829 अपराधियों को सजा दिलाई गई, और महिला-बालिकाओं से जुड़े गंभीर अपराधों में भी 139 आरोपितों को सजा दिलाई गई है।

    एक मामले में आरोपित को मृत्युदंड की सजा भी मिली। रिपोर्ट में पुलिस ने राष्ट्रपति के आगमन, उप राष्ट्रपति के आगमन, जंबूरी एवं खेल के अन्य सफल आयोजन और उसमें पुलिस की भूमिका को लेकर भी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में मिशन शक्ति, नशा मुक्ति और सत्यापन के लिए चलाए गए आपरेशन पहचान के बारे में भी बताया गया है।

    रिपोर्ट के अनुसार, यातायात व्यवस्था में आया सुधार

    शहर में यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर भी पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाई है। अधिक ट्रैफिक दबाव वाले चौराहों पर डायवर्जन और वन वे को लेकर तो पुलिस का काम कुछ हद तक दिखाई भी दिया है। हालांकि, ब्लैक स्पाट्स के चिह्नांकन और उसमें इंजीनियरिंग सुधार के दावे सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष ब्लैक स्पाट पर काफी काम हुआ है।

    यही नहीं, हाईवे और मुख्य मार्गों पर निरंतर गश्त को लेकर भी इस रिपोर्ट में जो दावे किए गए हैं, वे धरातल पर नजर नहीं आए। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 22 दिसंबर को ही आगरा एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन पर गलत दिशा में चल रही तेज रफ्तार बस ने एक बाइक सवार को रौंद दिया था।