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    लखनऊ में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले आउटसोर्स कर्मचारी को दलालों से दोस्‍ती पड़ी भारी, सेवा होगी समाप्त

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:56 PM (IST)

    ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ कार्यालय में स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए तैनात आउटसोर्स कर्मचारी एक महीने के अंदर दलालों का दोस्त बन गया। अब ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। ट्रांसपोर्ट नगर आरटीओ कार्यालय में स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए तैनात आउटसोर्स कर्मचारी एक महीने के अंदर दलालों का दोस्त बन गया। अब ऐसे कर्मचारी की सेवा खत्म होगी। एआरटीओ प्रशासन ने कर्मचारी को कार्यालय से हटाने के लिए निजी कंपनी को पत्र भेजा है। दैनिक जागरण ने 22 दिसंबर के अंक में मोबाइल खंगाला तो मिला दलाल कनेक्शन शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था।

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    परिवहन विभाग ने स्मार्ट चिप कंपनी से छुटकारा पाकर तीन कंपनियों को 25-25 जिलों का काम सौंपा है। तीन नई कंपनियां आने के बाद भी पुरानी कंपनी के कर्मचारियों को विभाग गले लगाए है। पहली दिसंबर से प्रदेश भर में नई कंपनी ने कामकाज संभाला है। लखनऊ में सिल्वर टच कंपनी को काम मिला है, छह कर्मचारी यहां परिवहन मुख्यालय व आसपास के जिलों के तैनात किए गए हैं। अधिकारियों को कर्मचारियों के दलालों से साठगांठ की शिकायत मिली।

    आरटीओ प्रशासन संजय कुमार तिवारी के निर्देश पर 20 दिसंबर को मोबाइल की जांच की गई, इसमें आउटसोर्स कर्मचारी कपिल दीप के मोबाइल में बाहरी लोगों से डीएल बनवाने के नाम पर पैसे लेने के साक्ष्य मिले थे। डीएल की जांच से लेकर प्रिंट करके आवेदकों को भेजने तक जिम्मा निजी कंपनी के हाथ है।

    कर्मचारियों ने तैनाती के एक माह के अंदर ही खेल शुरू कर दिया। मोबाइल में तस्वीरें, चैटिंग और कॉल डिटेल की जांच में शिकायत की पुष्टि हो गई थी। अब एआरटीओ प्रशासन प्रदीप कुमार सिंह ने सिल्वर टच कंपनी को पत्र लिखकर कर्मचारी की सेवा समाप्त करने की संस्तुति किया है। उसकी जगह पर नए कर्मचारी को तैनात किया जाएगा।