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    UP News: परिवहन विभाग के सिपाही भी बन सकेंगे दारोगा, शासन को भेजा गया प्रस्‍ताव

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 08:59 PM (IST)

    लखनऊ परिवहन विभाग में अब प्रवर्तन सिपाही भी दारोगा बन सकेंगे। वर्षों से दीवान के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नत करने की तैयारी है। उत्तराखंड की नीति के आधार पर परिवहन विभाग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। मंजूरी के बाद प्रवर्तन पर्यवेक्षक का नया पद सृजित किया जाएगा। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने प्रस्ताव प्रमुख सचिव परिवहन को भेज दिया है।

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    परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही भी अब दारोगा बन सकेंगे।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    धर्मेश अवस्थी, लखनऊ। परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही भी अब दारोगा बन सकेंगे। वर्षों तक सेवा करने के बाद दीवान बनकर सेवानिवृत्त होने वालों को विभाग पदोन्नत करने की तैयारियों में जुटा है। इसके लिए उत्तराखंड में बनी नीति को आधार बनाया गया है, परिवहन विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, मंजूरी मिलने के बाद पदोन्नति के साथ प्रवर्तन पर्यवेक्षक का नया पद नाम और पदों का सृजन भी किया जाएगा। परिवहन विभाग में अभी तक प्रवर्तन सिपाहियों को सिर्फ एक पदोन्नति प्रवर्तन पर्यवेक्षक के रूप में दी जाती रही है, जबकि अन्य विभागों में एक पद के लिए कम से कम तीन पदोन्नति की व्यवस्था है।

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    परिवहन विभाग में पदोन्नति व पद सृजन के लिए अपर परिवहन आयुक्त राजस्व की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। इसमें वित्त नियंत्रक परिवहन आयुक्त कार्यालय, सचिव राज्य परिवहन प्राधिकरण, अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन, आरटीओ प्रवर्तन आगरा, सहायक परिवहन आयुक्त प्रवर्तन व आरटीओ प्रवर्तन लखनऊ को सदस्य बनाया गया। कमेटी ने उत्तराखंड राज्य की तरह प्रवर्तन सिपाही से परिवहन सहायक निरीक्षक और परिवहन उपनिरीक्षक की व्यवस्था को यूपी में भी लागू करने का प्रस्ताव किया है। परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने प्रस्ताव प्रमुख सचिव परिवहन को भेज दिया है।

    परिवहन विभाग में प्रवर्तन सिपाही के 737, प्रवर्तन पर्यवेक्षक के 128 पद हैं। इन्हीं को परिवहन उपनिरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है। ऐसे प्रवर्तन सिपाही जिन्होंने प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद पर दो साल की सेवा पूरी कर ली हो या सिपाही व प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद पर 16 साल की सेवा पूरी हो गई हो उन्हें परिवहन उपनिरीक्षक बनाया जा सकता है।

    परिवहन उपनिरीक्षक के लिए 150 पदों का सृजन करने का भी प्रस्ताव है। समिति ने पाया कि परिवहन विभाग में एआरटीओ प्रवर्तन के 116, यात्री मालकर अधिकारी के 120, एआरटीओ सड़क सुरक्षा के 36 पद स्वीकृत हैं। 272 प्रवर्तन दल के लिए इतने ही प्रवर्तन पर्यवेक्षक की जरूरत है, जबकि विभाग में अभी सिर्फ 128 पद ही स्वीकृत हैं, ऐसे में 144 प्रवर्तन पर्यवेक्षक के नए पद सृजित किए जाने की जरूरत है, साथ ही इस पद का नाम बदलकर परिवहन सहायक निरीक्षक किया जाए।

    परिवहन विभाग में एआरटीओ प्रवर्तन के साथ तीन प्रवर्तन सिपाही, एक प्रवर्तन पर्यवेक्षक व वाहन चालक होता है। हर दल राजस्व वसूली, सड़क सुरक्षा के कार्य जैसे हेलमेट, सीटबेल्ट, रांग साइड ड्राइविंग, ड्रंकन ड्राइविंग जैसे प्रकरणों में कार्रवाई करता है। उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा पर बनी समिति इसकी नियमित मॉनीटरिंग करती है। परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा का नोडल अधिकारी है। इसलिए अधिक स्टाफ की जरूरत है।

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