यूपी के इन दो जिलों में बनेंगे 14 हजार सरकारी आवास, अपने घर का सपना होगा पूरा; नई आवासीय योजना पर मुहर
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद बुंदेलखंड के चित्रकूट व बांदा जिले में दो नई आवासीय योजनाएं शुरू करने जा रहा है जिसमें 14000 से अधिक आवास बनेंगे। वाराणसी और उन्नाव की आवासीय योजनाओं को भी पुनर्जीवित किया जाएगा। इन योजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण और विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। प्रदेश के छोटे शहरों में आवासीय योजना लाने की रफ्तार और तेज हो गई है। लोगों को सुविधायुक्त आवासीय कालोनी में अब रहने का अवसर मिलेगा। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद बुंदेलखंड के चित्रकूट व बांदा जिले में दो नई आवासीय योजनाएं लाने जा रहा है। दोनों जिलों की योजनाओं में 14000 से अधिक आवास बनेंगे, भूमि अर्जन व विकास कार्यों पर आवास विकास परिषद 2283 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च करेगा।
अपर आवास आयुक्त व सचिव डॉ. नीरज शुक्ल ने बताया कि भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-दो बांदा के मवई बुजुर्ग में लाने जा रहा है, जो कानपुर रोड पर शहर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। आवासीय योजना 136.76 हेक्टेयर में आकार लेगी। इस भूभाग पर 9500 से अधिक आवासों का निर्माण कराया जा सकेगा। योजना के लिए भूमि अर्जन और विकास कार्य में 1389 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
इसी तरह से भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या कर्वी दो चित्रकूट जिले के ग्राम चकला राजरानी, अहमदगंज में लाएगा। प्रस्तावित आवासीय योजना का क्षेत्रफल 64.894 हेक्टेयर है, जहां पर 4450 से अधिक आवास बन सकेंगे। इसके भूमि अर्जन व विकास कार्यों पर 894 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। परिषद बोर्ड ने दोनों जिलों में धारा-28 यानी भूमि अधिग्रहीत करने के नोटिफिकेशन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूर किया है, अब जल्द ही भूमि अर्जन की प्रक्रिया शुरू होगी और पांच वर्ष में आवासीय योजना धरातल पर दिखेगी।
परिषद सचिव ने बताया, वाराणसी की जीटी रोड बाईपास भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना को फिर से संचालित करने की तैयारी है। 2012-13 में शुरू हुई यह आवासीय योजना अभी अधर में फंसी थी। वाराणसी जिले के ग्राम निबिया, फरीदपुर, हांसापुर, नकाइन, सदलपुर, सगहट, कादीपुर, मीरापुर, रामपुर व मिसिरपुर की 535.9258 हेक्टेयर पर आवासों के भूखंड होंगे और बहुमंजिला आवास भी बनेंगे। भूमि के अर्जन व विकास पर 3158 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।
इसी तरह उन्नाव जिले की भूमि विकास एवं गृहस्थान योजना संख्या-03 जिले के गदनखेड़ा व सिंगरौसी में अब फिर शुरू होगी। दोनों गांवों के 165.8360 एकड़ में बसने वाली योजना के भूमि अर्जन व विकास पर 700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वाराणसी व उन्नाव की आवासीय योजनाओं को धारा 31(2) की स्वीकृति को संशोधित करने का प्रस्ताव मंजूर हुआ है।
सरकार की अनुमति मिलते ही इन योजनाओं को धरातल पर उतारा जाएगा। मंगलवार को आवास विकास परिषद बोर्ड की 272वीं बैठक प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग पी. गुरु प्रसाद की अध्यक्षता में हुई। बैठक में 30 प्रस्तावों पर विस्तार से मंथन हुआ। उनमें से चार प्रस्तावों पर फिर से विचार करने का निर्देश हुआ, जबकि 26 प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं।
प्रतापगढ़, मऊ, गाजीपुर, प्रयागराज, मथुरा
आवास विकास परिषद इसके पहले प्रतापगढ़, गाजीपुर, मथुरा, प्रयागराज व मऊ जिले में आवासीय योजना लाने का एलान कर चुका है। चारों जिलों में भूमि अर्जन का कार्य चल रहा है। योजना के अनुसार भूमि मिलने के बाद विकास कार्य शुरू किया जाएगा।
अब एटा, हाथरस की तैयारी
पूरब व बुंदेलखंड के जिलों में आवासीय योजना के लाने के बाद अब आवास विकास परिषद पश्चिम यूपी की ओर बढ़ रहा है। एटा व हाथरस जिलों में भूमि की पड़ताल की जा रही है, आने वाली बोर्ड बैठक में ये जिले भी आवासीय योजना में शामिल हो सकते हैं।
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