UP में स्कूल से बाहर 68,000 से ज्यादा बच्चे, 1 अगस्त से शुरू होगा उन्हें वापस लाने का मिशन
उत्तर प्रदेश में स्कूल से बाहर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए शारदा कार्यक्रम शुरू होगा। 7-14 वर्ष के बच्चों को चिह्नित कर उम्र के अनुसार कक्षा में प्रवेश दिलाया जाएगा। प्रदेश में 68913 बच्चे नामांकित नहीं हैं जिन्हें विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। हर स्कूल में नोडल शिक्षक होंगे और अधिक बच्चों पर विशेष प्रशिक्षक नियुक्त होंगे जिन्हें 4000 रुपये मानदेय मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के स्कूल से दूर बच्चों को दोबारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक अगस्त से विशेष अभियान चलेगा। ‘शारदा कार्यक्रम’ के तहत 7 से 14 वर्ष आयु वर्ग के आउट आफ स्कूल बच्चों को चिह्नित कर उन्हें उम्र के अनुसार उचित कक्षा में प्रवेश दिलाया जाएगा।
प्रदेश में करीब 68,913 बच्चे हैं, जो किसी भी विद्यालय में नामांकित नहीं है। इन्हें स्कूल में जोड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अभियान अगले वर्ष 31 मार्च तक चलेगा। राज्य परियोजना निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
विशेष प्रशिक्षण के लिए हर जिले के आउट आफ स्कूल बच्चों की सूची जारी की गई है। इन बच्चों के प्रशिक्षण के लिए हर स्कूल में एक नोडल शिक्षक नामित किया जाएगा। जो बच्चों के प्रशिक्षण और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगे।
यदि किसी विद्यालय में एक से पांच ऐसे बच्चे हैं, तो नोडल शिक्षक ही उन्हें विशेष प्रशिक्षण देंगे। लेकिन यदि संख्या पांच से अधिक होती है तो स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के माध्यम से विशेष प्रशिक्षक की नियुक्ति की जाएगी। ये प्रशिक्षक सेवानिवृत्त शिक्षक या स्वेच्छा से काम करने वाले योग्य वालंटियर भी हो सकते हैं। विशेष प्रशिक्षकों की नियुक्ति अस्थायी होगी और यह अगले वर्ष 31 मार्च तक मान्य रहेगी। उन्हें हर महीने 4000 रुपये मानदेय दिया जाएगा।
इन प्रशिक्षकों के चयन के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने-अपने जिलों में स्थानीय स्तर पर विज्ञप्ति जारी करेंगे। अभ्यर्थियों के आवेदन संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक या इंचार्ज एकत्र करेंगे और उनकी एक प्रति संबंधित ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराई जाएगी।
विशेष प्रशिक्षकों के चयन की पूरी प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी करनी होगी ताकि एक अगस्त से विशेष प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन शुरू हो सके। चयनित प्रशिक्षकों का विवरण संबंधित विद्यालय के नोडल शिक्षक द्वारा ‘शारदा पोर्टल’ पर अपलोड किया जाएगा।
इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी तीन दिन के भीतर प्रशिक्षक का भौतिक सत्यापन कर पोर्टल पर सत्यापन करेंगे। यदि तीन दिन में सत्यापन नहीं हुआ तो जानकारी स्वतः पोर्टल पर सत्यापित मान ली जाएगी। ड्रापआउट बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रशिक्षकों की आवश्यकता होगी। इसके लिए आवेदन पत्र का प्रारूप भी जारी किया गया है।
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