उत्तर प्रदेश में 10 करोड़ की टैक्स चोरी, उपायुक्त और सहायक आयुक्त राज्य कर निलंबित
लखनऊ में एक फर्जी कंपनी द्वारा दस करोड़ से अधिक के आईजीएसटी आईटीसी को धोखाधड़ी से राज्य से बाहर भेजने के मामले में राज्य कर विभाग ने रायबरेली के उपायुक्त और सहायक आयुक्त को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर फर्जी कंपनी के साथ मिलीभगत कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। मामले की जांच जारी है और रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। एक बोगस फर्म द्वारा दस करोड़ रुपये से अधिक आईजीएसटी (एकीकृत माल और सेवा कर) आटीसी को छल से राज्य से बाहर भेजने के मामले में राज्यकर विभाग रायबरेली के उपायुक्त और सहायक आयुक्त निलंबित किए गए हैं।
इन दोनों पर बोगस फर्म से मिलीभगत करते हुए सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। इसकी जांच अपर आयुक्त राज्यकर कानपुर-प्रथम सैमुअल पाल एन. को दी गई है। वह एक महीने में अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे।
विशेष सचिव श्याम प्रकाश नारायण ने दोनों के निलंबन का आदेश मंगलवार को जारी किया।इस मामले में राज्यकर खंड एक रायबरेली के उपायुक्त मनीष कुमार तथा
राज्यकर खंड-एक रायबरेली के सहायक आयुक्त रितेश कुमार बरनवाल निलंबित किए गए हैं। निलंबन की अवधि में दोनों को कार्यालय संयुक्त आयुक्त राज्यकर बांदा से संबद्ध किया गया है।
बोगस फर्म राजधानी इंटरप्राइजेज (जीएसटीआईएन-09एवीसीपीएस6723एम2जेडवाई) द्वारा बिना व्यापार किए ही 21 अप्रैल 2025 को जीएसटीआर-3बी दाखिल करते हुए बोगस रूप से 10 करोड़ 76 लाख 63 हजार 832 रुपये की आईजीएसटी आईटीसी राज्य से बाहर भेजा गया। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है। प्रथम दृष्टया इस मामले में निलंबित उपायुक्त और सहायक आयुक्त मिलीभगत पाई गई है।
आईजीएसटी (एकीकृत माल और सेवा कर) एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है जो देश में वस्तुओं और सेवाओं की अंतरराज्यीय आपूर्ति पर लगाया जाता है। आईजीएसटी केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है और राजस्व केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बंटता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।