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    यूपी में करोड़ों की सड़कों में मिली गड़बड़ी, इन अधिकारियों से 15 दिन में मांगा गया स्पष्टीकरण

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 07:51 PM (IST)

    पिछले साल शासन द्वारा भेजी गई टीम ने बरेली क्षेत्र की दो सड़कों में गड़बड़ियाँ पाईं। सुधार कार्यों का निरीक्षण न करने पर शासन ने मुख्य अभियंता अजय कुमार और अधीक्षण अभियंता कैलाश कुमार सिंह से स्पष्टीकरण माँगा है। जाँच में सड़कों की ग्रेडेशन और डेंसिटी में कमियाँ मिलीं जिसके बाद अधिकारियों पर कार्यों के प्रति उदासीनता का आरोप लगा।

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    कार्य का परीक्षण नहीं करने पर बरेली के सीई और एसई से मांगा स्पष्टीकरण।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पिछले साल नवंबर में शासन स्तर से जिलों में भेजी गई टीम की जांच में बरेली क्षेत्र की दो सड़कों में गड़बड़ियां मिलने और बाद में कमियां दूर करने के लिए कराए गए कार्य का परीक्षण नहीं किए जाने को शासन ने गंभीरता से लिया है।

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    इस मामले में बरेली क्षेत्र के मुख्य अभियंता अजय कुमार और अधीक्षण अभियंता बदायूं-पीलीभीत वृत्त कैलाश कुमार सिंह से 15 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पिछले वर्ष नवंबर में सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता परखने के लिए शासन स्तर से राज्य स्तरीय टीमें जिलों में भेजी गई थीं। पीडब्ल्यूडी के विशेष सचिव प्रभुनाथ द्वारा जारी आदेश के मुताबिक एसएलसी टीम ने 11 व 12 नवंबर 2024 को बरेली क्षेत्र में सड़कों का निरीक्षण व परीक्षण किया था।

    जिसमें बदायूं में बिनावर-बिलहर-तुगलकपुर-मूसाझाग मार्ग (अन्य जिला मार्ग) के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य मे ग्रेडेशन एवं डेंसिटी का कार्य असंतोषनजक पाया गया।

    इस मार्ग में एक स्थान पर ग्रेडिंग (गिट्टी की साइज और निर्माण सामग्री का अनुपात) के काम की गुणवत्ता खराब पाई गई। बदायूं में ही शाहबाद-बिसौली कछला-गंगाघाट मार्ग डेंसिटी (बिटुमीन कंक्रीट मानक) में गड़बड़ी के साथ ही बिटुमिन की मात्रा कम पाई गई।

    जांच में पाई गई कमियों के सुधार कार्य की समीक्षा 27 अगस्त को पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने की। जिसमें पाया गया कि मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंंता द्वारा कमियां दूर करने के कार्य के बाद भी किए गए कार्य का परीक्षण नहीं किया गया।

    जिससे यह सुनिश्चित नहीं हो सका कि कराया गया कार्य गुणवत्तापूर्ण हैं अथवा नहीं। समीक्षा में इन दोनों उच्चाधिकारियों को राजकीय कार्यों के प्रति उदासीनता तथा शिथिलता बरतने के साथ ही पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने का दोषी पाया गया।जिसके आधार पर दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।