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    यूपी में ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ का असर: दो साल में 97 हजार अपराधियों को सजा, 68 को फांसी मिली

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 08:31 PM (IST)

    लखनऊ में अपराधों के खिलाफ पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऑपरेशन कन्विक्शन सफल रहा है। दो साल में 97 हजार से ज़्यादा अपराधियों को सज़ा मिली जिसमें 68 को मृत्युदंड शामिल है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर शुरू हुए इस अभियान में पॉक्सो एक्ट के तहत 17 आरोपियों को फांसी और 619 को आजीवन कारावास हुआ। हर दिन औसतन 187 अपराधियों को सज़ा मिल रही है।

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    प्रभावी पैरवी से दो वर्ष में 97 हजार अपराधियों को दिलाई सजा।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अपराध व अपराधियों के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत कार्रवाई कर रही पुलिस के लिए आपरेशन कन्विक्शन कारगर साबित हो रहा है। अभियोजन ने प्रभावी पैरवी से दो वर्ष में 97 हजार से अधिक अपराधियों को सजा दिलाई है। कोर्ट ने इनमें 68 अपराधियों को मृत्यु दंड की सजा सुनाई।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एक जुलाई, 2023 को आपरेशन कन्विक्शन की शुरुआत हुई थी। कोर्ट में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की गई। अभियान के तहत 15 जून तक लगभग दो वर्ष की अवधि में पुलिस ने 97,158 आरोपितों को विभिन्न श्रेणियों में सजा दिलाई है। डीजी अभियोजना दीपेश जुनेजा के अनुसार अब तक 1,14,029 चिन्हित वादों में से 74,388 वादों का निपटारा कराया गया है।

    इनमें 69,422 मामलों में 97,158 आरोपितों के विरुद्ध दोष सिद्ध हुआ। अभियान के तहत 68 आरोपितों को मृत्युदंड, 8,172 को आजीवन कारावास, 1,453 को 20 वर्ष से अधिक कारावास की सजा तथा 87,465 अपराधियों को 20 वर्ष से कम कारावास की सजा सुनाई गई।

    टाप 10 की सूची में शामिल अपराधियों के विरुद्ध 272 मुकदमों में 395 आरोपितों को सजा दिलाई गई। अभियान के तहत प्रदेश में चिन्हित 69 माफिया के विरुद्ध दर्ज मुकदमों में 29 माफिया को भी अलग-अलग मामलों में सजा दिलाई गई।

    बच्चों से दरिंदगी करने वाले 17 आरोपितों को फांसी की सजा

    पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के तहत दर्ज मुकदमों में भी पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत करने के साथ प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की। पाक्सो एक्ट के तहत 17 आरोपितों को मृत्युदंड तथा 619 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई। अभियान के तहत प्रति कार्य दिवस में औसतन 143 चिन्हित मामलों का निस्तारण किया गया है और 187 अपराधियों को सजा दिलाई गई।