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    'सपा के पूर्व मुख्यमंत्री को आती थी गाय के गोबर से बदबू', पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने अखि‍लेश पर साधा न‍िशाना

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 08:38 PM (IST)

    पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें गाय के गोबर से बदबू आती थी जबकि योगी आदित्यनाथ इसे चंदन मानते हैं। उन्होंने निवेशकों को सुरक्षा और सहयोग का आश्वासन दिया। मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रयासरत हैं जिसके लिए पशुपालन को बढ़ावा देना आवश्यक है।

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    पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभाग द्वारा आयोजित निवेशक कार्यशाला में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बाेला। बिना नाम लिए कहा कि सपा के पूर्व मुख्यमंत्री को गाय के गोबर से बदबू आती थी, परंतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे चंदन की तरह मानते हैं। प्रदेश में निवेश का सबसे यह सबसे बेहतर समय है। सरकार उद्यमियों को सुरक्षा भी दे रही है और सहयोग भी।

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    मंत्री ने अमेरिकी टैरिफ को लेकर कहा कि अमेरिका भारत में अपने डेयरी उत्पाद बेचना चाहता था, परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसे स्पष्ट मना कर दिया। हम लोगों को प्रदेश और देश के लोगों को बेहतर दुग्ध उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए मिलकर काम करना होगा। मंत्री ने कहा कि गाय के गोबर में माता लक्ष्मी का वास होता है और गोमूत्र में मां गंगा रहती हैं। गोवंश के नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और दुग्ध प्रसंस्करण से समृद्धि के द्वार खुलेंगे।

    दुग्ध विकास विभाग की ओर से होटल ताज में आयोजित सम्मेलन में मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, किसानों की आय दोगुणा करने के लिए काम रहे हैं। किसानों की आय केवल खेती से नहीं, बल्कि पशुपालन से दोगुणा होगी, परंतु आजकल किसानों की रुचि पशुपालन में घट रही है। सरकार के साथ इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों की भी जिम्मेदारी है कि वो किसानों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने निवेशकों को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

    प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास अमित कुमार घोष ने बताया कि वर्तमान में उप्र 387 लाख टन वार्षिक दुग्ध उत्पादन के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। निवेशकों की सुविधा को उप्र दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन किए गए हैं। डेयरी सेक्टर में 35 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान का प्रविधान है। अब तक 24 परियोजनाओं पर 355 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 25 लाख लीटर प्रतिदिन बढ़ी है। राज्य में प्रतिदिन 531 लाख लीटर विपणन योग्य दूध उपलब्ध है, इसमें केवल 98 लाख लीटर का प्रसंस्करण हो रहा है।

    विभाग का लक्ष्य दुग्ध प्रसंस्करण को वर्तमान 19 प्रतिशत से वर्ष 2027-28 तक बढ़ा कर 25 प्रतिशत तक पहुंचाने का है। उन्होंने बताया कि विजन 2047 में प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में तीन गुणा से अधिक की वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में एक करोड़ से अधिक रोजगार सृजन और दुग्ध उत्पाद व प्रसंस्करण में देश का शीर्ष निर्यातक राज्य बनाने के लक्ष्य है।

    कार्यशाला में राष्ट्रीय विकास बोर्ड आनंदा डेयरी, महान मिल्क फूड, मधुसूदन डेयरी, अमूल डेयरी, जायडस वेलनेस फूड, ज्ञान डेयरी, भारत स्कायर, भोले बाबा डेयरी, मू-मार्क (स्टेलेप), वीकेआर इंजीनियर्स सहित 60 निवेशकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, विशेष सचिव देवेन्द्र कुमार पांडेय व राम सहाय यादव, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी इन्वेस्ट यूपी शशांक चौधरी आदि उपस्थित रहे।

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