माओवादियों को हो रही फंडिंग की भी कड़ियां खंगाल रहा ATS, झारखंड के पांच लाख के इनामी नगीना से हो रही पूछताछ
लखनऊ में माओवादियों के खिलाफ जांच में एटीएस को फंडिंग के नए रास्ते मिले हैं। झारखंड के इनामी माओवादी उमेश सिंह से पूछताछ में पता चला कि मादक पदार्थों के तस्करों से भी फंडिंग हो रही है। पुलिस गिरोह के स्थानीय मददगारों और फरार माओवादी शशिकांत गंझू की तलाश कर रही है। एटीएस बरामद हथियारों की भी जांच कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के कई जिलों में जड़ें जमा चुके माओवादियों के विरुद्ध चल रही जांच में उन्हें फंडिंग करने वालों की कड़ियां भी खंगाली जा रही हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) झारखंड के पांच लाख रुपये के इनामी माओवादी उमेश सिंह उर्फ नगीना उर्फ डॉक्टर को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि पड़ताल में यह भी सामने आया है कि मादक पदार्थों के तस्करों के माध्यम से भी माओवादी संगठनों को फंडिंग हो रही है। इसे लेकर और गहनता से छानबीन की जा रही है।
एटीएस ने पूछताछ में सामने आए कई तथ्यों की जानकारी झारखंड पुलिस व खुफिया एजेंसियों से भी साझा की हैं। सोनभद्र में नगीना के पकड़े जाने के दौरान भागने में कामयाब रहे दस लाख का इनामी माओवादी शशिकांत गंझू उर्फ आरिज जी की भी तलाश की जा रही है। एटीएस प्रतिबंधित माओवादी संगठन टीएसपीसी के सक्रिय सदस्यों को उपलब्ध अत्याधुनिक असलहाें को लेकर छानबीन कर रहा है।
एटीएस ने नगीना के कब्जे से नाइन एमएम पिस्टल व .32 बोर की रिवॉल्वर बरामद की थी। रिवॉल्वर पर मेड इन इंग्लैंड लिखा था। जबकि पिस्टल स्पेन की बनी है। उसके पास से ठेकेदारों से वसूले गए एक लाख रुपये भी बरामद हुए थे। गिरोह के स्थानीय मददगारों का भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। एटीएस पूछताछ के आधार पर दो संदिग्ध युवकों की तलाश भी कर रहा है। पूर्व में बलिया से पकड़े गए मओवादियों की गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है।
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