UP News: गोशालाओं के प्रबंधन के लिए अब हर शहर में बनेगी समिति, प्रमुख सचिव नगर विकास ने जारी किया शासनादेश
लखनऊ में गोशालाओं की देखभाल के लिए प्रबंध समिति बनेगी। महापौर नगर आयुक्त और अन्य गणमान्य लोग सदस्य होंगे। यह समिति गोशालाओं में चारा पानी और साफ-सफाई की व्यवस्था करेगी। सार्वजनिक स्थलों पर घूम रहे गोवंश का भी ध्यान रखा जाएगा। पशुपालकों द्वारा गोवंश को छोड़ने पर चालान किया जाएगा। गोबर का उपयोग बायोगैस और खाद बनाने में होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गोशालाओं की देखरेख के लिए अब हर शहर में प्रबंध समिति बनेगी। महापौर, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी की देखरेख में सभासद और शहर के गणमान्य लोगों को सदस्य बनाया जाएगा। इस समिति की जिम्मेदारी गोशालाओं की व्यवस्था दुरुस्त रखने की होगी। नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इससे संबंधित शासनादेश जारी कर दिया है।
शासनादेश के अनुसार प्रबंध समिति का कार्य गोशाला में चारे के लिए भूसा आदि की व्यवस्था, पीने का पानी, सर्दियों में गोशाला में शेड, पर्दे, स्वास्थ्य परीक्षण, साफ-सफाई की व्यवस्था रखना होगा। इसके अलावा सार्वजनिक स्थलों पर घूम रहे गोवंश का भी यह समिति ध्यान रखेगी। यदि पशुपालक गोवंश को इधर-उधर छोड़ेंगे तो उनका नियमानुसार चालान किया जाएगा। कान्हा गोशाला प्रबंध समिति के सुझाव पर इनका प्रबंधन किया जाएगा।
अधिशासी अधिकारियों को उनके निकाय की गोशालाओं की व्यवस्था दुरुस्त रखनी होगी। गोशाला के अंदर, संपर्क मार्गों की सफाई की व्यवस्था करनी होगी। मानसून में गोशालाओं का विशेष ध्यान रखना होगा। गोबर और कचरे की सफाई, आसपास के नालों में जलभराव की स्थिति न होने देने की व्यवस्था भी अधिशासी अधिकारियों को देखनी होगी। इसके अलावा गोबर का बायोगैस, वर्मी कंपोस्ट, कच्ची खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
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