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    अचानक आई कॉल ने प्रोफेसर के पैरों तले खिसका दी जमीन, लखनऊ के 2 प्लॉट किसी ने करा लिए अपने नाम; मगर कैसे?

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    लखनऊ में फर्जी दस्तावेजों से जमीन की रजिस्ट्री का मामला सामने आया है। कानपुर के प्रोफेसर महेंद्र मित्तल ने बख्शी का तालाब में प्लॉट खरीदे थे जो फर्जी आधार कार्ड से किसी और के नाम कर दिए गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महेंद्र ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं ।

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    प्रोफेसर और पत्नी कानपुर में थे, लखनऊ में हो गई प्लाटों की रजिस्ट्री

    राजीव बाजपेयी, लखनऊ। फर्जी आधार और अभिलेखों के आधार पर रजिस्ट्री का एक और प्रकरण सामने आया है। कानपुर के गर्वमेंट सेंट्रल टेक्सटाइल इंस्टीटयूट में प्रोफेसर रहे किदवईनगर निवासी महेंद्र मित्तल की लखनऊ के जानकीपुरम में ससुराल है।

    महेंद्र ने बख्शी का तालाब में अपने और अपनी पत्नी शैलजा के नाम दो प्लाट खरीदे थे। कुछ दिन पहले उनके पास एक परिचित का फोन आया तो पैरों तले जमीन खिसक गई। परिचित ने बताया कि बख्शी का तालाब में उनके प्लाट पर कुछ लोग कार्य कर रहे हैं।

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    यह सुनते ही महेंद्र रात को ही लखनऊ भागे तो पता चला कि उनके दाेनों प्लाट फर्जी आधार कार्ड और कूटरचित दस्तावेजों से किसी दूसरे के नाम कर दिए गए। एक माह की भागदौड़ के बाद बीकेटी पुलिस ने तीन जालसाजों के खिलाफ फर्जी अभिलेखों के आधार पर रजिस्ट्री कराने का मुकदमा दर्ज किया।

    महेंद्र और उनकी पत्नी शैलजा सिंह की जमीनों को फर्जी अभिलेखाेें व आधार से रजिस्ट्री करने के पीछे एक संगठित गिरोह का हाथ माना जा रहा है। महेंद्र की मिर्जापुर गांव में 3500 स्क्वायर फीट और 2800 स्क्वायर फीट जमीन कमलाबाद बढ़ौली में है।

    पुलिस की जांच में अब तक सामने आया है कि अमीनाबाद निवासी संजय कुमार सोनी ने फर्जी अभिलेखों से दोनों जमीनें अपने नाम कराई हैं। रजिस्ट्री में प्रतापगढ़ निवासी राहुल सिंह और लखनऊ के पुराना हैदराबाद का रहने वाला अनिल सिंह गवाह हैं।

    इस गोरखधंधे में एक महिला भी है जिसने शैलजा के नाम से फर्जी आधार लगाकर रजिस्ट्री कर दी। इन सभी की पुलिस तलाश कर रही है।

    महेंद्र सब रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे हैं। महेंद्र का कहना है कि जब रजिस्ट्री में मेरी और पत्नी की फोटो स्पष्ट है तो सब रजिस्ट्रार कार्यालय में ठीक से सत्यापन क्यों नहीं किया। कोई भी रजिस्ट्री देखकर आसानी से देख समझ सकता है।

    संजय सोनी बना ओम प्रकाश

    महेंद्र ने पुलिस को बख्शी का तालाब के ही सकरपुर गांव मेंं हुई एक और रजिस्ट्री दी है जिसमें संजय सोनी गवाह बना है। उस रजिस्ट्री में उसका नाम ओम प्रकाश लिखा है। वहां पर उसने खुद को बिदंकी तहसील फतेहपुर का निवासी बताया है। महेंद्र का कहना है कि तहसील में पूरा संगठित गिरोह फर्जी अभिलेखाें के आधार पर जमीनों पर कब्जा कर रहा है।