लखनऊ के सरोजनी नगर में IR डिटेक्शन टेक्नोलॉजी केंद्र की होगी स्थापना, कैबिनेट ने दी मंजूरी
लखनऊ के सरोजनी नगर में आईआर डिटेक्शन टेक्नोलॉजी केंद्र की स्थापना को कैबिनेट ने मंजूरी दी। इस परियोजना के लिए 10 हेक्टेयर भूमि आईआरडीई को दी जाएगी। इस केंद्र की स्थापना पर 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह डीआरडीओ की मदद से स्थापित होगा। यहाँ सेमीकंडक्टर आईआर डिटेक्टरों का निर्माण किया जाएगा जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कैबिनेट ने सरोजनी नगर में आइआर डिटेक्शन टेक्नालाजी केंद्र की स्थापना के लिए 10 हेक्टेयर भूमि यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) को देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके तहत एक रुपये के वार्षिक शुल्क पर आइआरडीई को भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
आइआरडीई, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला है। प्रस्ताव के अनुसार सरोजनी नगर में स्थापित किए जाने वाले आइआर डिटेक्शन टेक्नालाजी केंद्र की स्थापना पर 2,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। राज्य सरकार इसकी स्थापना में डीआरडीओ की मदद करेगी।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर डीआरडीओ ने आइआर डिटेक्टरों के विकास व निर्माण के लिए स्वदेशी फैब लाइन की नई परियोजना के तहत प्रयोगशाला की स्थापना के लिए राज्य सरकार से भूमि की मांग की थी।
इस प्रयोगशाला में सेमीकंडक्टर आइआर डिटेक्टरों का निर्माण किया जाएगा। ब्रह्मोस मिसाइल सहित कई रक्षा उपकरणों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में भारत विदेश से आइआर ड़िटेक्टरों की 5,000 से अधिक यूनिट आयात करता है।
आइआर डिटेक्शन टेक्नालाजी केंद्र की स्थापना के बाद आइआर ड़िटेक्टरों की 1,000 यूनिट का निर्माण प्रतिवर्ष किया जाएगा। भविष्य में इसका विस्तार कर 10,000 यूनिट का निर्माण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
आइआर डिटेक्शन टेक्नालाजी केंद्र में थर्मल इमेजिंग सिस्टम और मल्टीसेंसर सर्विलांस सिस्टम को भी रक्षा उपकरण के रूप में विकसित किया जाएगा। इसकी स्थापना से 150 इंजीनियरों व 500 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
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