इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्रिपाठी निलंबित, हत्या मामले में दिखाई थी ऐसी लापरवाही कि परिवार को अस्थियां तक नहीं मिली
लखनऊ में लूट के बाद हत्या के मामले में लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। मृतक नवीन यादव 24 जुलाई को चारबाग स्टेशन से लापता हो गए थे और पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने और जांच करने में देरी की। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने लापरवाही बरती जिसके कारण उन्हें अस्थियां भी नहीं मिलीं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। लूट के बाद गोरखपुर के रायगंज निवासी नवीन यादव उर्फ की हत्या के मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्रिपाठी को संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) अपराध एवं मुख्यालय अमित कुमार ने शुक्रवार को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
इससे पहले गुरुवार को पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर ने लाइन हाजिर किया था, लेकिन मामला तूल पकड़ने पर निलंबन का फैसला लिया गया है।
गोरखपुर के रायगंज निवासी नवीन यादव उर्फ राजे 24 जुलाई को चारबाग स्टेशन से लापता होते हैं। नवीन के भाई सचिन अज्ञात आटो चालक के खिलाफ आरोप लगाते हुए गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचते है। पहले तो गुमशुदगी देर से दर्ज की गई।
फिर तलाश करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। बल्कि आसपास के थानों से संपर्क तक नहीं किया गया। इसके चलते आलमबाग पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। यही कारण था कि परिवार को शव की अस्थियां तक मिली। जानकारी होने पर पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर ने खानापूर्ति के लिए लाइन हाजिर कर दिया था। दूसरे
दिन मामला तूल पकड़ा तो जेसीपी अमित कुमार ने वीरेंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। साथ ही विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं, जांच में दोषी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उधर, नाका थाने की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर श्रीकांत राय को जिम्मेदारी सौंपी है।
घटना में एसीपी कैसरबागा रत्नेश सिंह ने टीम के साथ मिलकर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मृतक के भाई से दारोगा ने कहा था कि गोरखपुर जाओ: पुलिस सूत्र बताते हैं कि सचिन कुमार शिकायत लेकर चारबाग चौकी पर पहुंचे थे।
वहां पर शिकायत सुनने के बाद दारोगा कमल कुमार ने कहा कि घटना गोरखपुर से शुरु हुई है। वहां पर जाकर शिकायत करो। यहां से कोई मतलब नहीं है।फिर थाने पहुंचे थे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई थी।
यह था पूरा मामला
गोरखपुर के रायगंज निवासी सचिन यादव उर्फ राकू के मुताबिक उनके बड़े भाई नवीन यादव उर्फ राजे 24 जुलाई की शाम 8.20 बजे लखनऊ चारबाग स्टेशन पहुंचे। वह गोरखपुर में कास्मेटिक की दुकान चलाते थे। उनको मुंबई सामान खरीदने के लिए पुष्पक एक्सप्रेस से जाना था।
रात करीब 9.30 बजे ट्रेन थी। रात करीब 8.33 बजे एक अंजान नंबर से उनके पास काल आई। काल उठाने पर पता चला कि उनके भाई से मारपीट हुई है। काल करने वाला आटो चालक था। उसने कहा आटो का शीशा तोड़ दिया है। उसका रुपया चाहिए। सचिन ने वीडियो काल कर बात कराने को कहा।
वीडियो में सचिन ने देखा कि नवीन को आटो में एक युवक पकड़े बैठा है। नवीन चीख रहे है कि हमे बचाओ ये लोग मार रहे है। 25 जुलाई की देर शाम वह लखनऊ पहुंचे। चारबाग चौकी पर गए। जहां चौकी प्रभारी कमल कुमार मिले। उन्होंने टालमटोल कर रवैया अख्तियार किया। देर रात को इंस्पेक्टर को काल कर घटना की सूचना तो काल डिस्कनेक्ट कर दिया।
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