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    UP: गांवों में SC-ST महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा गो आधारित आजीविका मॉडल, जल्द शुरू होगा 'पायलट प्रोजेक्ट'

    By Jagran NewsEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Fri, 11 Jul 2025 10:11 PM (IST)

    अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं और युवाओं को गो-आधारित अर्थव्यवस्था से जोड़ने की योजना है। गोसेवा आयोग और एससी-एसटी आयोग ने उद्यमिता प्रशिक्षण और गो-आधारित उत्पादों के निर्माण के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की है। चयनित गांवों में गो आधारित आजीविका मॉडल से महिला सशक्तिकरण किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल्द ही शुरू होगी।

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    गो आधारित अर्थव्यवस्था से जोड़ी जाएंगी एससी-एसटी महिलाएं।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गांवों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) महिलाओं और युवाओं को गो आधारित अर्थव्यवस्था से जोड़ा जाएगा। उद्यमिता का प्रशिक्षण देकर गो आधारित उत्पाद के निर्माण के सहारे आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास होगा। गोसेवा आयोग और एससी-एसटी आयोग की बैठक में इसे लेकर सहमति बनी है।

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    शुक्रवार को गो सेवा आयोग सभागार में के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त और एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने बैठक की।

    इसमें सहमति बनी कि चयनित ग्रामों में गो आधारित आजीविका माडल के माध्यम से महिला सशक्तिकरण किया जाए। गोशालाओं को प्रशिक्षण, उत्पादन एवं विपणन के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।

    गो आधारित उत्पादों जैसे गोबर से निर्मित वस्तुएं, बायोगैस, पंचगव्य, गोमूत्र चिकित्सा आदि के माध्यम से आय-सृजन के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। बताया गया कि वृहद गो संरक्षण केंद्र को केंद्र बिंदु मानते हुए उसके निकटवर्ती गांवों की एससी-एसटी की महिलाओं को जोड़ा जाना है।

    भविष्य में इस समूह के इच्छुक पुरुष सदस्यों को भी आवश्यकतानुसार जोड़ा जाएगा। आगामी तीन माह में पायलट माडल के रूप में कुछ जिलों में यह योजना प्रारंभ की जाएगी। बैठक में एससी-एसटी आयाेग के उपाध्यक्ष बेचन राम व जीत सिंह खरवार, प्रवृद्ध फाउंडेशन के पीएस ओझा उपस्थित थे।