यूपी में अब आर्थिक अपराध छुप नहीं पाएंगे, केस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर से जांच में आएगी तेजी
लखनऊ में डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि आर्थिक अपराधों की जांच में तेजी लाने के लिए केस मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर बनाया गया है। यह सिस्टम जांच की प्रगति पर नज़र रखने और जानकारी अपलोड करने में मदद करेगा। साइबर अपराध बढ़ने के साथ आर्थिक अपराध भी बढ़े हैं इसलिए लोगों को निवेश से पहले पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा है कि अब आर्थिक अपराधों की जांच में और तेजी आएगी। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू) ने इसके लिए पहली बार केस मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) साफ्टवेयर तैयार किया है।
इसकी मदद से अब आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों की जांच की नियमित प्रगति की जानकारी मिलेगी। साथ ही पत्राचार में समय बर्बाद नहीं होगा, बल्कि जांच अधिकारी सीएमएस पर सीधे सारी जानकारियां अपलोड कर सकेंगे।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू) द्वारा सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद डीजीपी ने कहा कि बढ़ रहे आर्थिक अपराध पुलिस के लिए बड़ी चुनौती हैं। साइबर अपराध में तेजी आने के बाद आर्थिक अपराधों की संख्या भी बढ़ी है।
एक दूसरे को जागरूक करके आर्थिक अपराध से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में लोगों के साथ आर्थिक अपराध होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी योजना में रुपये निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी एकत्र कर लें।
डीजीपी ने ईओडब्लू का नया प्रतीक चिन्ह (लोगा) भी लांच किया। साथ ही आर्थिक अपराधों को लेकर नागरिकों को जागरूक करने संबंधी पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। कार्यशाला में नागरिकों को जागरूक करने को लेकर तैयार की गई लघु फिल्म का भी दिखाई गई।
आर्थिक अपराधों की जांच में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित कार्यशाला में सीबीआइ के संयुक्त निदेशक अशोक कुमार ने कहा कि छह करोड़ रुपये से ऊपर के आर्थिक मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपी जाती है। उन्होंने कहा कि बैंकों में होने वाली धोखाधड़ी को लेकर बैलेंश शीट की जांच जरूर करनी चाहिए। वहीं से धोखाधड़ी का सुराग मिलता है।
उन्होंने क्रेडिट व डेबिट कार्ड, एटीएम क्लोन, एनपीए खातों व ऋण में फर्जी दस्तावेजों को लेकर सजग रहने की अपील की। ईओडब्लू की डीजी नीरा रावत ने कहा कि ईओडब्लू लोगों की जमापूंजी को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा उनके साथ है। आर्थिक अपराध की सूचना तत्काल दें और जांच में मदद करें।
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