यूपी के 75 जिलों में 75 आत्मनिर्भर गोशालाएं, प्रदेश में गोवंश संरक्षण और रोजगार की नई योजना
Lucknow News | लखनऊ उत्तर प्रदेश के हर जिले में पंचगव्य-औषधि गो-पेंट और जैविक खाद की यूनिटें शुरू की जाएंगी। इसके तहत 75 जिलों में 75 आत्मनिर्भर गोशालाएं विकसित होंगी जो गोवंश संरक्षण और रोजगार का केंद्र बनेंगी। महिला स्वयं सहायता समूहों और युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। गोशालाओं में बायोगैस संयंत्र लगाए जाएंगे और गोबर से ब्लॉक तैयार किए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब प्रदेश के हर जिले में पंचगव्य-औषधि, गो-पेंट और जैविक खाद की यूनिटें शुरू की जाएंगी। इसके त हत 75 जिलों में 75 आत्मनिर्भर गोशालाएं विकसित की जाएंगी, जो न केवल गोवंश संरक्षण का केंद्र बनेंगी, बल्कि नवाचार और रोजगार का नया माडल भी पेश करेंगी।
हर जिले की विशेषता के अनुरूप एक स्थानीय नवाचार माडल तैयार किया जा रहा है। इस माडल के जरिये महिला स्वयं सहायता समूहों और युवाओं को पंचगव्य, बायोगैस, जैव बीज, गोबर ब्लाक और गोमूत्र से औषधि निर्माण जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गो सेवा आयोग के विशेष कार्याधिकारी डा. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि हर जिले में एक-एक गोशाला को आत्मनिर्भर माडल पर विकसित किया जा रहा है। इन गोशालाओं को पंचगव्य आधारित उत्पादन इकाइयों, जैविक खाद संयंत्रों, बायोगैस यूनिटों और निर्माण योग्य गोबर ब्लाक के निर्माण से जोड़ा जाएगा।
इन यूनिटों में स्थानीय युवाओं और महिला समूहों को निश्शुल्क प्रशिक्षण देकर उन्हें उत्पादन, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन से जोड़ा जाएगा। चयनित गोशालाओं में बायोगैस संयंत्र लगाए जाएंगे, जिससे स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। साथ ही गोबर से ईंट की तरह ब्लाक तैयार किए जाएंगे, जो निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो सकेंगे।
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