कानपुर मंडल में 10,914 करोड़ रुपये से होंगे 1,362 विकास कार्य, जानिए किस जिले को कितना मिला?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर झांसी और चित्रकूट मंडलों के विकास कार्यों की समीक्षा की। कानपुर मंडल में 10914 करोड़ रुपये के 1362 विकास कार्य प्रस्तावित हैं जबकि झांसी और चित्रकूट धाम मंडलों में 8776 करोड़ रुपये के 1088 कार्य होंगे। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के सुझावों को योजनाओं में शामिल करने पर जोर दिया और बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने की बात कही।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अयोध्या व देवीपाटन मंडलों के जनप्रतिनिधियों के साथ विकास कार्यों की समीक्षा करने के बाद रविवार को कानपुर, झांसी व चित्रकूट मंडलों के सांसदों और विधायकों के साथ विशेष बैठक कर संवाद किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कानपुर मंडल के छह जिलों में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित 10,914 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1,362 विकास कार्य होंगे। इनमें सड़क, पुल, फ्लाईओवर, बाईपास, इंटर-कनेक्टिविटी, लिंक रोड, सिंगल कनेक्टिविटी, धार्मिक स्थलों के विकास, सुरक्षा तथा लाजिस्टिक्स से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने दोपहर में कानपुर मंडल के छह जिलों कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा और औरैया के जनप्रतिनिधियों से संवाद में बताया कि सबसे अधिक विकास कार्य कानपुर नगर में प्रस्तावित किए गए हैं। यहां 5,006 करोड़ की लागत से 426 परियोजनाएं हैं।
फर्रुखाबाद में 2,476 करोड़ रुपये से 308 कार्य, कानपुर देहात में 1,214 करोड़ रुपये के 336 कार्य, कन्नौज में 1,076 करोड़ के 98 कार्य, इटावा में 620 करोड़ के 128 कार्य और औरैया में 524 करोड़ रुपये लागत से 66 कार्य शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि शासन और जनता के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। जनप्रतिनिधियों के सुझाव ही योजनाओं की प्राथमिकता तय करने का आधार होंगे। परियोजनाएं केवल सरकारी खर्च नहीं हैं, यह जनता के विश्वास की पूंजी हैं।
उन्होंने जनप्रतिनिधियों के निर्वाचन क्षेत्रों की जमीनी परिस्थितियों, जन अपेक्षाओं, विकास कार्यों की प्रगति और प्रशासनिक समन्वय पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
कहा कि प्रदेश के सतत् और संतुलित विकास में कानपुर मंडल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंडल राज्य की औद्योगिक और शैक्षिक रीढ़ तो है ही, साथ ही यह सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक चेतना और जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता का भी केंद्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित जनप्रतिनिधियों से विमर्श कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए और समयबद्ध ढंग से कार्यों की शुरुआत की जाए। मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग से कहा कि विकास कार्यों से संबंधित शिलापट्ट पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों के विचार और सुझाव केवल संवाद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे जन आकांक्षाओं का स्वरूप होते हैं, जिन्हें योजनाओं की संरचना और क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों के अनुभवों को कार्ययोजना में जरूर शामिल करें। मुख्यमंत्री ने कानपुर मंडल को ‘विकास का अग्रदूत’ करार देते हुए विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में यह मंडल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्पद माडल के रूप में उभरेगा।
चित्रकूट धाम मंडल में होंगे 8776 करोड़ के कार्य
मुख्यमंत्री ने बाद में झांसी व चित्रकूट मंडलों के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद में कहा कि सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। चित्रकूट धाम मंडल, जो भगवान श्रीराम की तपोस्थली है और झांसी मंडल, जो रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा से जुड़ा है, ये दोनों ही मंडल प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केंद्र हैं।
इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और समेकित विकास ‘नए उत्तर प्रदेश’ के निर्माण का मूल आधार है। उन्होंने बताया कि झांसी और चित्रकूट धाम मंडल से 8,776 करोड़ रुपये की लागत के 1,088 कार्य प्रस्तावित हैं।
बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए विकास कार्य प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए। झांसी मंडल से कुल 691 कार्य प्रस्तावित हुए हैं।
इनकी अनुमानित लागत 4,901 करोड़ रुपये है। वहीं, चित्रकूट मंडल से कुल 3875 करोड़ रुपये के 397 कार्य प्रस्तावित हैं। इनमें से झांसी जिले में 1916 करोड़ और बांदा में 1,825 करोड़ रुपये के कार्य हैं। इनमें ब्लाक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इंटर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, लाजिस्टिक्स हब, बाईपास, आरओबी/अंडरपास, फ्लाईओवर, मेजर एवं माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई इंफ्रास्ट्रक्चर आदि कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव और स्थानीय आवश्यकताओं की समझ शासन के लिए मार्गदर्शक होती है। बुंदेलखंड को उपेक्षा के अंधकार से निकालकर हम उसे उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की रेखा पर ला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि वे अपने क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।