दीपावली में नकली सामान से रहें सावधान, रंगा आलू ही नहीं नकली पनीर भी बिक रहा बाजार में
दीपावली के त्योहार को देखते हुए बाजार में मिलावटी सामान की बिक्री बढ़ गई है। पनीर में सिंथेटिक पनीर खोए में मैदा और आलू तथा दूध में गंदा पानी और प्रतिबंधित पाउडर मिलाया जा रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और शिकायत करने की सलाह दी है। मिलावटखोर इस त्योहार की आड़ में मुनाफा कमाने के लिए लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। दीपावली की खुशियों में किसी तरह का ग्रहण नहीं लगे इसके लिए खरीदारी करते समय सावधानी बरतें। त्योहार में बढ़ी डिमांड को पूरा करने के लिए मिलावट का सामान भी खपाया जा रहा है। खाने-पीने की चीजों में तो बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत है रंगे आलू से लेकर नकली पनीर तक सब कुछ बाजार में बिक रहा है।
ऐसे में घटिया खाने का सामान आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी चेतावनी दी है कि कहीं पर भी मिलावट का संदेह हो तो तत्काल शिकायत करें।
दीपावली पर पनीर, खोआ और रिफाइंड की सबसे अधिक डिमांड होती है। पनीर की जगह सिंथेटिक पनीर से पांच गुने तक अधिक मुनाफा होता है। यही वजह है कि असली और नकली का खेल बराबर से चलता है।
अलीगंज में डेयरी संचालक अरविंद का कहना है कि दीपावली पर पनीर की डिमांड काफी बढ़ जाती है जिसके चलते तमाम कई लोग नकली या मिश्रण कर मुनाफा कमाने में जुट जाते हैं। इसके लिए एक महीने पहले से ही सिंथेटिक पनीर की डिमांड हो जाती है। आर्डर के हिसाब से मिलावट खोर घटिया पनीर सप्लाई करते हैं।
देखने में यह बिलकुल असली पनीर जैसा होता है और देखकर इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। बताते हैं कि सिंथेटिक पनीर बनाने के लिए स्किम्ड मिल्क और खाने वाले सोडे के अलावा घटिया पॉम ऑयल, वेजीटेबल ऑयल और बेकिंग पाउडर मिलाकर तैयार किया जाता है। थोक में यह पचास रुपये से लेकर 80 रुपये तक में मिलता है।
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मैदा-आलू-कद्दू में रंग मिलाकर बनाते खोआ
बाजार में खोआ की डिमांड पूरा करने के लिए राजधानी के आसपास इलाकों से मिलावटी खोआ की बड़ी सप्लाई होती है। मिठाइयों को तैयार करने में जिस खोआ का इस्तेमाल किया जा रहा है उसमें मैदा, आलू और आरारोट को मिलाकर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा मिठाइयां तैयार करने में मानकों से अधिक खतरनाक कलर मिलाए जा रहे हैं जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं।
दूध में मिला रहे पानी और प्रतिबंधित पाउडर
दूध कारोबारी भी मिलावट करने में पीछे नहीं हैं। दूध कारोबारी बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए दूध में गंदा पानी और दूषित बर्फ का इस्तेमाल कर रहे हैं। वही दूध को कई दिनो बनाए रखने के लिए उसमें प्रतिबंधित माल्टो डेक्सिट्रन पाउडर मिलाया जा रहा है। पाउडर को दूध में मिलाना प्रतिबंधित है इसके बावजूद ग्रामीण इलाकों और मंडियों से आ रहे दूध में इसकी सप्लाई की जा रही है।
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