बाराबंकी-बहराइच फोर लेन हाईवे को मिल सकती है हरी झंडी, निर्माण में खर्च होंगे 7,350 करोड़
बाराबंकी से बहराइच तक 7350 करोड़ रुपये की लागत से फोर लेन हाईवे बनेगा। एनएचएआई ने प्रस्ताव सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजा है। 101 किमी के इस मार्ग पर सर्विस लेन भी बनेगी। लखनऊ-बाराबंकी-बहराइच मार्ग सुगम होगा और नेपाल जाने वाले वाहनों को भी फायदा होगा। परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। राजमार्ग पर वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

अंशू दीक्षित, जागरण लखनऊ। पिछले कई वर्षों से जिस राष्ट्रीय राजमार्ग के चार लेन होने का इंतजार हो रहा था, उसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने काम तेज कर दिया है। प्राधिकरण ने निजी कंसल्टेंट कंपनी से पूरा खाका बनवाया और फिर उसका अध्ययन करने के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) को भेज दिया है।
इस चार लेन सड़क के बन जाने से लखनऊ से बाराबंकी और बाराबंकी से बहराइच, रुपईडीहा जाने वाले वाहनों को गति मिलेगी और सफर सुहावना होगा। 101 किमी. चार लेन सड़क बनने का सबसे अधिक फायदा नेपाल जाने वाले भारी वाहनों को भी मिलेगा।
भविष्य में ट्रैफिक लोड अगर बढ़ता भी है तो कई वर्षों तक कोई ट्रैफिक से जुड़ी समस्या नहीं होने वाली। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 7,350 करोड़ रुपये एनएचएआइ खर्च करेगा। इसके बनने में कम से कम तीन साल लगेंगे। प्रोजेक्ट बड़ा होने के कारण इसको दो पैच में बनाया जाएगा।
एनएचएआइ अफसरों ने बताया कि पहला पैच बाराबंकी से मुस्तफाबाद तक बनेगा और फिर मुस्तफाबाद से बहराइच के बीच बनाया जाएगा। खास बात होगी कि नए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में चार लेन सड़क के दोनों तरफ सात मीटर की सर्विस लेन भी होगी।
इस सर्विस लेन के बनने से स्थानीय लोगों को सबसे अधिक सहूलियत होगी, इन्हें राजमार्ग पर पड़ने वाले कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों से कुछ स्थानों पर कनेक्ट भी किया जाएगा। उद्देश्य होगा कि अधिक से अधिक लोग इस राष्ट्रीय राजमार्ग का लाभ उठा सकें। इस पूरे प्रस्ताव को अगस्त 2025 में ही मोर्थ को भेजा गया है।
एनएचएआइ के अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले वाला प्रस्ताव जनवरी 2025 में भेजा गया था, उसमें सर्विस रोड नहीं थी और चार लेन सड़क का प्रोजेक्ट छह हजार करोड़ था।
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करीब 20 हजार हल्के व भारी वाहन चलते हैं
एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक, बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग पर हल्के व भारी वाहनों की संख्या हर माह बढ़ रही है। भारी वाहन 12 हजार के आसपास चलते हैं। ऐसे में राजमार्ग पर चार लेन की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
चार लेन बन जाने से बीस से 38 हजार वाहन आगामी कई दशक तक आराम से चल सकेंगे। वहीं जब 40 हजार से अधिक वाहनों का लोड राष्ट्रीय राजमार्ग पर होगा तो उस समय राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन बनाने की जरूरत होगी।
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