हिंसा के लिए युवकों को उकसा रहा था कट्टरवादी डॉ. उसामा, ATS ने गजवा-ए-हिंद के तीन संदिग्ध युवकों से की पूछताछ
लखनऊ एटीएस ने गजवा-ए-हिंद षडयंत्र में शामिल होने के संदेह में तीन युवकों से पूछताछ की। अमरोहा निवासी अजमत अली और महाराष्ट्र के डॉ. उसामा माज शेख के संपर्कों की जांच हो रही है। डॉ. उसामा को लखनऊ कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेजा गया। उसामा पर युवकों को हिंसा के लिए उकसाने और उत्तर प्रदेश में बड़ी घटना की योजना बनाने का आरोप है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने गजवा-ए-हिंद के षड्यंत्र में शामिल होने के संदेह में तीन युवकाें से पूछताछ की है। मामले में गिरफ्तार कट्टरवादी अमरोहा निवासी अजमत अली व महाराष्ट्र के ठाणे निवासी डॉ. उसामा माज शेख के सीधे संपर्क में रहे कुछ अन्य संदिग्ध युवकों की भी तलाश की जा रही है।
एटीएस ने ठाणे से गिरफ्तार डा.उसामा को बुधवार को लखनऊ की कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। एटीएस अब डा.उसामा व अजमत अली को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रहा है। कोर्ट में गुरुवार को रिमांड के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी। अब तक की जांच में सामने आया है कि डा.उसामा का नेटवर्क अन्य राज्यों में भी फैला था और वह उसके संपर्क में आए युवकों को हिंसात्मक घटनाओं को अंजाम देने के लिए उकसा रहा था। वह उत्तर प्रदेश में बड़ी घटना कराने के प्रयास में था।
गजवा-ए-हिंद का अर्थ भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले काफिरों (गैर मुसलमानों) को जीतकर उन्हें मुस्लिम बनाने से है। डा.उमासा के मोबाइल फोन से उसके कई पाकिस्तानियों के सीधे संपर्क में होने की बात सामने आई है। उसके संपर्क आइएसआइ के हैंडलर से होने की भी आशंका है।
एटीएस के अनुसार आरोपित अजमत अली रिवाइविंग इस्लाम नाम के जिस वाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था, उसमें शामिल रहे कई अन्य संदिग्ध युवकों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। दोनों आरोपितों ने अपने मोबाइल फोन का काफी डेटा डिलीट कर दिया था, जिसकी रिकवरी का प्रयास भी किया जा रहा है। डा.उसामा इंटरनेट मीडिया के माध्यम से उसके संपर्क में आए युवकों को जिहाद व हिंसा के लिए उकसाता था। एटीएस दोनों आरोपितों की इंटरनेट मीडिया की गतिविधियों को भी खंगाल रहा है।
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