ABHA: आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट में अब डॉक्टर के पर्चे भी होंगे लिंक, दवा वितरण में होगी आसानी
लखनऊ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) का विस्तार किया जा रहा है जिसमें वर्तमान में 13.98 करोड़ से ज़्यादा लोग पंजीकृत हैं। इस डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से पर्चा बनाना मरीज़ों को भर्ती करना और डिस्चार्ज करने जैसी सुविधाएँ जोड़ी गई हैं। लैब रिपोर्ट ऑनलाइन करने के लिए एलआईएमएस को एचएमआईएस से जोड़ा जा रहा है जिससे मरीज़ों का पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) का दायरा और बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में इस अकाउंट में 13़ 98 करोड़ से अधिक लोग पंजीकृत हैं। इस डिजिटल प्लेटफार्म से मरीजों का पर्चा बनाने, मरीजों को भर्ती करने, उन्हें डिस्चार्ज करने की सुविधा को जोड़ा गया है।
लैब रिपोर्ट भी चरणबद्ध तरीके से आनलाइन करने के लिए लैब इन्फारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एलआइएमएस) को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम (एचएमआइएस) से जोड़ा जा रहा है।
लखनऊ, गाजियाबाद सहित कई अस्पतालों में फार्मेसी को आभा से जोड़ा जा चुका है। जल्द ही सभी अस्पतालों की फार्मेसी आनलाइन हो जाएगी। डाक्टर के पर्चे, लैब रिपोर्ट इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड (इएचआर) के रूप में उपलब्ध रहने से उन्हें कहीं भी आनलाइन देखा जा सकेगा।
चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सीएचसी-पीएचसी स्तर तक आभा आधारित पंजीकरण कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे मरीजों का डिजिटल सेवाओं से जोड़ा जा सके।
इसी के तहत चिकित्सालयों में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के सहयोग से हेल्थ मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम (एचएमआइएस) और लैब मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम (एलआइएमएस) को जोड़ा जा रहा है।
इन दोनों के जुड़ने से आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट आधारित इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड (इएचआर) तैयार हो सकेगा। यदि मरीजों का शत प्रतिशत आभा आधारित पंजीकरण होगा तो मरीजों का डाटा अपने आप ही एलआइएमएस से लिंक हो जाएगा।
इससे मरीज का पूरा रिकार्ड आनलाइन उपलब्ध रहेगा और मरीज बिना पर्चे या रिपोर्ट के किसी भी अस्पताल में इलाज करा सकेगा। एक क्लिक पर मरीज का पूरा रिकार्ड डाक्टर के सामने आनलाइन रहेगा।
आभा के प्रभारी डा़ मोहित सिंह ने बताया कि हास्पिटल इन्फारमेशन मैनेजमेंट सिस्टम प्रदेश के एक हजार अस्पतालों में शुरू हो गया है। इसमें जिला अस्पताल, सीएचसी, अरबन पीएचसी शामिल हैं। अगले चरण में डाक्टरों के द्वारा लिखे गए पर्चों को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसके लिए साफ्टवेयर को अपग्रेड किया जाएगा। इससे मरीजों को राहत मिलेगी।
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