लखनऊ मंडल से मिले 42,891 करोड़ रुपये से होंगे 3,397 विकास कार्य, मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों संग विशेष बैठक में दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में 42891 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 3397 परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाए शिलान्यास जनप्रतिनिधियों से कराया जाए और गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। उन्होंने जिलों की विशिष्ट पहचान को सम्मान देते हुए पर्यटन विकास पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जनप्रतिनिधियों के साथ मंडलीय बैठक कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ मंडल के विधायकों के साथ अपने आवास पर बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि लखनऊ मंडल के जनप्रतिनिधियों से प्राप्त 42,891 करोड़ रुपये के कुल 3,397 विकास कार्यों के प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर चरणबद्ध ढंग से पूरा कराएं।
परियोजनाओं का भूमिपूजन एवं शिलान्यास 15 सितंबर के बाद जनप्रतिनिधियों से कराया जाए। शिलापट्ट पर उनका नाम अवश्य अंकित करें। विकास योजनाओं में किसी भी प्रकार की देरी एवं शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी। प्रत्येक कार्य की गुणवत्तापूर्ण एवं निष्पक्ष निगरानी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है।
बैठक में लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के 42 विधानसभा क्षेत्रों के सदस्य एवं पांच विधान परिषद सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों से संबंधित प्रमुख नई परियोजनाओं के प्रस्ताव दिए।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों के सड़क, दीर्घ सेतु, लघु सेतु, आरओबी/आरयूबी, धर्मार्थ की सड़कें, फ्लाईओवर निर्माण से संबंधित प्रस्तावों पर उनके द्वारा दिए गए वरीयताक्रम के आधार पर कार्य शुरू कराया जाए।
जिला मुख्यालय को चार लेन एवं ब्लाक मुख्यालय को दो लेन से जोड़ने, चीनी मिल की सड़कें, सिंगल कनेक्टिविटी वाली सड़कों व ब्लैक स्पाट सुधार के कार्य शत प्रतिशत पूरा कराएं। जनप्रतिनिधियों एवं शहीदों के गांवों की सड़कों का निर्माण प्राथमिकता पर रखें। हर विधानसभा क्षेत्र में जनहित से जुड़े विकास कार्यों में पिक एंड चूज नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का क्षेत्रीय अनुभव एवं स्थानीय धरातल की गहन समझ सरकार को योजनाओं के निर्धारण और प्रभावी क्रियान्वयन में नई दृष्टि प्रदान करती है। यह संवाद व्यवस्था सरकार और समाज के बीच विश्वास की एक जीवंत कड़ी है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले की अपनी एक अलग पहचान है, जिसे सशक्त करते हुए विकास योजनाओं का समायोजन किया जाए। लखनऊ न केवल नव्य आधुनिकता का केंद्र है, बल्कि अवध की सांस्कृतिक राजधानी, कला, साहित्य तथा संस्कार की जीवंत मिसाल भी है।
काशी की तरह ही इसकी आत्मा सनातन और इसकी आत्मीयता वैश्विक है। हरदोई में सत्य और तप की परंपरा गहराई तक रची-बसी है। रायबरेली साहित्य, स्वतंत्रता संग्राम और लोककला की दृष्टि से भी समृद्ध है।
उन्नाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह जिला चंद्रशेखर आजाद और स्वतंत्रता संग्राम के अन्य नायकों की कर्मभूमि रहा है। यहां की विकासपरक परियोजनाओं को स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक चेतना के साथ जोड़ते हुए प्रोत्साहित किया जाए।
नैमिषारण्य को केंद्र मानकर सीतापुर जिले की धार्मिक और आध्यात्मिक गरिमा अद्वितीय है। लखीमपुर खीरी दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के कारण वैश्विक वन्यजीव मानचित्र पर स्थापित है।
इन जिलों की विशिष्ट पहचान को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं की नियमित समीक्षा की आवश्यकता है। स्पष्ट कार्ययोजना, समयबद्धता व सतत संवाद एवं नियमित फीडबैक ही परियोजनाओं को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने का आधार है।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार जनहित से जुड़े प्रत्येक विषय पर संवेदनशील है। हर जनप्रतिनिधि जनता की आकांक्षाओं का संवाहक होता है। सरकार इन सुझावों और मांगों को प्राथमिकता के आधार पर लागू करेगी।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग से कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पर्यटन स्थल का चयन कर, उसकी पर्यटन सुविधाओं के विकास की कार्ययोजना तैयार कराएं। नगर विकास विभाग से कहा कि किसी भी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पहले संबंधित जनप्रतिनिधि से मार्गदर्शन एवं सहमति जरूर ली जाए।
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