यूपी के इस जिले में सर्किल रेट बढ़ने के बाद भी धड़ल्ले से खरीदी जा रही जमीन, टूट गया रिकॉर्ड
लखनऊ में सर्किल रेट बढ़ने के बावजूद जमीनों की रजिस्ट्री में तेजी देखी गई। नवरात्रि के दौरान लोगों ने मकान और दुकान खरीदने में उत्साह दिखाया। मंगलवार को 940 रजिस्ट्रियां हुईं जिससे सरकार को 14 करोड़ का स्टांप शुल्क मिला। मोहनलालगंज में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रियां हुईं। जिला प्रशासन ने कृषि और आवासीय जमीनों के सर्किल रेट में भी वृद्धि की है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। एक अगस्त से लखनऊ में डीएम सर्किल रेट कई इलाकों में दो से तीन गुणा बढ़ गया है लेकिन जमीन की खरीद फराेख्त में इसका असर नहीं दिख रहा है। दरों की परवाह किए बिना नवरात्रि पर मकान और दुकान का सपना पूरा करने वाले दूसरे दिन भी रजिस्ट्री कार्यालयों में डटे रहे।
मंगलवार को लखनऊ के सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में कुल 940 रजिस्ट्रियां रिकार्ड की गईं। पहले दिन की अपेक्षा यह आंकड़ा और ज्यादा है। इतनी बड़ी संख्या में रजिस्ट्री होने से सरकार के खजाने में करीब 14 करोड़ का स्टांप शुल्क आया।
राजधानी में वैसे तो आम दिनों में औसतन तीन सौ से चार सौ रजिस्ट्रियां होती हैं लेकिन नवरात्रि के मौके पर लोग सबसे अधिक संपत्ति खरीदना चाहते हैं। सोमवार को लखनऊ में 640 रजिस्ट्रियां की गई थी।
एआइजी रमेश कुमार ने बताया कि वैसे तो सभी सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में भीड़ रही लेकिन मोहनलालगंज में सबसे अधिक 181 लोगों ने रजिस्ट्रियां कराईं। इन बैनामों से करीब एक करोड़ 80 लाख का स्टांप शुल्क और करीब 33 लाख फीस के तौर पर जमा हुए। इस तरह केवल मोहनलालगंज में ही दो करोड़ से अधिक का शुल्क जमा हुआ।
गौरतलब है एक अगस्त से जिला प्रशासन ने कृषि, आवासीय और व्यवसायिक जमीनों की सर्किल रेट की दरों में औसतन 25 प्रतिशत से लेकर पचास प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है। सरोजनीनगर और मोहनलालगंज तहसीलों के अलावा प्रमुख कालोनियों अंसल, एमआर जैसी आवासीय कालोनियां जहां व्यावसायिक गतिविधियां भी बराबर चल रही हैं वहां कुछ जगहों पर दरें दो से तीन गुना तक बढ़ी हैं।
लखनऊ के चारों तरफ विकसित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर और भविष्य में विकास की संभावनाओं को देखते हुए आउटर रिंग रोड, किसान पथ, एक्सप्रेस वे और अन्य राजमार्गों के किनारे बीस से तीस प्रतिशत तक दरें बढ़ाई गई हैं। मल्टीस्टोरी में भी चालीस प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।
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