लखनऊ के ऐशबाग में जलाया गया रावण का सबसे ऊंचा पुतला, बैंडबाजे और डीजे के साथ भ्रमण पर निकलेंगे श्रीराम
लखनऊ में दशहरे के अवसर पर ऐशबाग रामलीला मैदान में शहर के सबसे ऊंचे रावण का दहन किया गया। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य और पूर्व मंत्री उपस्थित थे। खदरा कानपुर रोड एचएएल और चिनहट समेत कई अन्य स्थानों पर भी रावण के पुतले जलाए गए। ऐशबाग रामलीला समिति द्वारा श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद उनका नगर भ्रमण भी आयोजित किया जाएगा। चौक में लंकेश को श्रद्धांजलि दी गई।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। ऐशबाग के रामलीला मैदान में ‘विदेशी निर्भरता नस्लवाद, जातिवाद का समूल नाश हो’ के प्रतीक शहर के सबसे ऊंचे रावण का दहन किया गया। आतिशबाजी के साथ राज्यसभा सदस्य डा.दिनेश शर्मा, पूर्व मंत्री डा.महेंद्र सिंह व समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल ने पुतला दहन किया। दहन से पहले तुलसी मंच पर श्रीराम रावण के युद्ध का मंचन किया गया।
खदरा रामलीला समिति की ओर से पक्का पुल के पास संझिया घाट पर रावण व कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया गया। कानपुर रोड सेक्टर-एच रामलीला समिति के अध्यक्ष गोपाल जी मिश्रा ने बताया कि रावण के 45 फीट और मेघनाद के 40 फीट रावण के पुतले का दहन किया गया।
प्रवक्ता अरविंद मिश्रा ने बताया कि दहन से पहले आतिशबाजी का मुकाबला हुआ। एचएएल परिसर 40 फीट ऊंचे रावण और 35 फीट ऊंचे मेघनाद के पुतले का दहन किया गया। चिनहट में 30 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया।
डालीगंज के मौसमगंज रामलीला समिति की ओर से शाम सात बजे से श्रीराम-रावण युद्ध हुआ । रामलीला समिति के अध्यक्ष घनश्याम अग्रवाल ने बताया कि रावण के 35 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया गया।
कल नगर भ्रमण पर निकलेंगे श्रीराम
ऐशबाग रामलीला समिति की ओर से श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद श्रीराम, भ्राता लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न व मां जानकी के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। समिति के अध्यक्ष हरिश्चंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऐतिहासिक यात्रा में भगवान व गुरुओं के प्रतीक के साथ ही बैंडबाजे व डीजे को शामिल किया जाएगा।
यात्रा दोपहर बाद रामलीला मैदान से निकलेगी और शहर के यहियागंज व रकाबगंज समेत कई इलाकों से होते हुए वापस रामलीला मैदान में समाप्त होगी।
श्रद्धांजलि के साथ हुई रावण की पूजा
विष्णु त्रिपाठी ‘लंकेश’ को श्रद्धांजलि के साथ ही चाैक के श्री पब्लिक बाल रामलीला समिति द्वारा चौक के लोहिया पार्क में मंचन शुरू हुआ। वह 1978 से 2021 तक लगातार वह रावण का किरदार निभाते रहे हैं।
चौक के रानी कटरा स्थित चारोधाम मंदिर परिसर में स्थापित रावण दरबार में दशहरे के दिन विष्णु त्रिपाठी ‘लंकेश’ मंदिर को सजाकर पूजन करते थे। लंकेश के पुत्र पुनीत त्रिपाठी व नाती ओम त्रिपाठी ने दरबार में पूजन कर श्रद्धांजलि दी।
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