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    Lucknow Property Rates: लखनऊ में महंगी हुई जमीन, लिस्ट में देखिए किस इलाके में कितना बढ़ा सर्किल रेट

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 05:37 PM (IST)

    दस साल बाद लखनऊ में डीएम सर्किल रेट में बदलाव किया गया है। शहर से गांव तक जमीनों की दरों में बढ़ोत्तरी हुई है कुछ इलाकों में तो दरें दो से तीन गुना तक बढ़ गई हैं। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भटगांव में कम दरें तय की गई हैं और औद्योगिक इकाईयों की जमीन का मूल्यांकन भी कम किया गया है।

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    लखनऊ में महंगी हुईं जमीनें, लिस्ट में देखिए किस इलाके में कितना बढ़ा सर्किल रेट

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। दस वर्ष के अंतराल के बाद लखनऊ में नया डीएम सर्किल रेट लागू कर दिया गया। प्रस्तावित दरों में आपत्तियाें के निस्तारण के बाद डीएम विशाख जी ने सर्किल रेट को हरी झंडी दिखाई। शहर से लेकर गांव तक सर्किल रेट में ठीक-ठाक बढ़ोतरी की गई है।

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    कृषि, आवासीय और व्यवसायिक जमीनों की सर्किल रेट की दरों में औसतन 25 प्रतिशत से लेकर पचास प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है। अंसल, गोमतीनगर, एमआर और महानगर जैसी आवासीय कालोनियां जहां व्यावसायिक गतिविधियां भी बराबर चल रही हैं वहां कुछ जगहों पर दरें दो से तीन गुना तक बढ़ी हैं।

    लखनऊ के चारों तरफ विकसित हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर और भविष्य में विकास की संभावनाओं को देखते हुए आउटर रिंग रोड, किसान पथ, एक्सप्रेस वे और अन्य राजमार्गों के किनारे बीस से तीस प्रतिशत तक दरें बढ़ाई गई हैं। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में भी औसतन 20 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।

    सरकार लगातार इंडस्ट्री को प्रमोट कर रही है इसका भी ध्यान सर्किल रेट निर्धारण में रखा है।भटगांव में डिफेंस कारीडोर में केवल 1700 रुपये वर्ग मीटर सर्किल रेट तय की गई है ताकि लाेग आसानी से जमीन खरीदकर अपना उद्यम स्थापित कर सकें। इसके साथ ही एक और बड़ी राहत दी गई है।

    औद्योगिक संस्थानों की जमीन का मूल्यांकन वहां पर निर्धारित अकृषक भूखंड की दरों से बीस प्रतिशत कम कर दिया गया है। इसी तरह नगर निगम सीमा के भीतर स्थापित सीमेंट फैक्ट्री, राइस मिल, आटा मिल, शुगर मिल, कोल्ड स्टोरेज, भटठा, वेयर हाउस और अन्य औद्योगिक संस्थानों की भूमि का मूल्यांकन उस क्षेत्र में अकृषक भूखंड की दर में बीस प्रतिशत कम करके किया जाएगा।

    उद्यमी आनंद सिंह का कहना है कि यह काफी राहत वाली बात होगी। इससे पहले वर्ष 2015 में लखनऊ में डीएम सर्किल रेट का नवीनीकरण किया गया था। लंबे समय से सर्किल रेट बढ़ाने की मांग की जा रही थी और किसान व कई संगठन इसको लेकर प्रदर्शन भी कर रहे थे।

    एक जुलाई को डीएम सर्किल रेट की प्रस्तावित दरों को लेकर कुल 49 आपत्तियां और सुझाव आए थे। डीएम की अध्यक्षता में कमेटी ने आपत्तियों पर सुनवाई के बाद सर्किल रेट को अंतिम रूप दिया।

    अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सर्किल रेट को तय करने में मुख्य रूप से प्रशासन ने तीन बिंदुओं पर फोकस किया है। 2015 में कई जगहों पर आवासीय दरें अधिक थीं और दुकानों व कार्यालयों की दरें कम थीं। इस विसंगति को खत्म करते हुए ऐसी कालोनियों और इलाकों में इस बार 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई हैं।

    अगर किसी आवासीय जमीन की चौहद्दी में कोई व्यावसायिक या वाणिज्यिक गतिविधि हो रही है तो मौजूदा सर्किल रेट से बीस प्रतिशत अधिक मूल्यांकन किया जाएगा। प्रस्तावित सर्किल रेट में उन जमीनों का भी मूल्यांकन 50 प्रतिशत अधिक रखा गया है जो विलेख में तो व्यावसायिक दर्ज हो रही थीं लेकिन सर्किल रेट आवासीय लिया जा रहा था।

    इसी तरह पिछली बार जब डीएम सर्किल रेट लागू किया गया था तब शहर में मेट्रो रूट और प्लाइओवरों के नीचे मौजूद संपत्तियों को सर्किल रेट में बीस प्रतिशत की छूट दी गई थी। इस बार प्रस्तावित सर्किल रेट में प्रशासन ने उस छूट को भी खत्म कर दिया है, यानी पुलों और प्लाइओवर के नीचे सड़कों के दोनों तरफ मौजूद संपत्तियां बीस प्रतिशत महंगी हो जाएंगी।

    प्रशासन के इस फैसले से कई क्षेत्रों में सर्किल रेट की दरों पर असर पड़ेगा। लखनऊ में पिछले कुछ वर्षो में तेजी के साथ पुलों और फ्लाईओवर का जाल फैला है जिसके नीचे हजारों संपत्तियां हैं।

    अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्व राकेश कुमार सिंह के मुताबिक मेट्रो रूट और शहर में दूसरे फ्लाईओवर के नीचे संपत्तियों में व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। मौजूदा बाजार दरें सर्किल रेट से कई गुना अधिक है। इसलिए प्रस्तावित दरों में मिल रही बीस प्रतिशत की छूट को खत्म कर दिया है।

    प्रमुख कालोनियां में सर्किल रेट

    • अंसल- 35 से 50 हजार तक
    • गोमतीनगर- 33 से 77 हजार तक
    • महानगर- 41 हजार से 65 हजार तक
    • इंदिरानगर- 35 हजार से 62 हजार तक
    • जानकीपुरम - 35500 से 54 हजार तक
    • एमआर-35 हजार से 50 हजार तक
    • वृंदावन- 28 हजार से 50 हजार तक
    • शालीमार वन वर्ड- 50 हजार
    • ओमेक्स मेट्रो सिटी- 20 हजार 26 हजार तक
    • वसंतकुंज योजना-20 हजार से 35500 तक
    • सहारा ग्रेस-20500 से 28 हजार तक
    • सहारा स्टेट-20500 से 28 हजार तक
    • एल्डिको-20 से 26 हजार तक
    • एक्सला रिजार्टिको-22 हजार से 28 हजार तक
    • अमरावती-25 हजार से 37 हजार तक
    • पिंटल-25 हजार से 37 हजार
    • पार्थ रिपबलिक- 20 हजार से 30 हजार तक
    • ओरो सिटी मडि़यांव- 20500 से 28 हजार
    • रोहित हाईटस-20500 से 28 हजार

    प्रमुख सड़कों के किनारे

    • फैजाबाद रोड-33 से 66 हजार तक
    • किसान पथ आउटर रिंग रोड -15 से 20 हजार तक
    • पूर्वांचल एक्सप्रेस वे- छह हजार से 10 हजार तक
    • आगरा एक्सप्रेस वे-15 हजार
    • लखनऊ-रायबरेली रोड-18 हजार से 55 हजार तक