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    यूपी में बिजली विभाग की लापरवाही ने ली 3600 से ज्यादा लोगों की जान, बंट गया दो अरब का मुआवजा

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 06:15 AM (IST)

    बिजली विभाग की लापरवाही के चलते पिछले ढाई वर्षों में 257 कर्मचारियों समेत 3606 लोगों की जान चली गई। विद्युत दुर्घटनाओं के कारण विभाग को लगभग दो अरब रुपये मुआवजा देना पड़ा। एलटी व हाईटेंशन लाइन टूटने से 3825 अग्निकांड हुए जिससे करोड़ों की फसल बर्बाद हो गई। करंट से 3600 से अधिक मवेशी भी मारे गए। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट में यह आंकड़े उजागर हुए हैं।

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    यूपी में 11 हजार विद्युत दुर्घटनाओं से बट गया दो अरब मुआवजा।

    अंशू दीक्षित, लखनऊ। यूपी में बिजली विभाग के कमजोर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण पिछले ढाई वर्षों में 257 बिजली कर्मियों को जान गंवानी पड़ी। करंट लगने से 3,349 आम लोगों की मौतें हुई, कुल 3,606 लोग सिर्फ विद्युत दुर्घटना से मरे।

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    इन हादसों के कारण उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड को करीब दो अरब रुपये मुआवजा के रूप में देना पड़े। यही नहीं प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एलटी व हाईटेंशन लाइन टूटने से 3,825 अग्निकांड की घटनाएं हुई।

    इससे करोड़ों रुपये की फसल जलकर राख हो गई, राजस्व विभाग ने आंकलन करके इसका मुआवजा दिलवाया। बिजली के पोल, जलभराव में तार टूटकर गिरने से उत्पन्न हुए करंट से 3600 से अधिक मवेशी मारे गए, इनका मुआवजा अलग से देना पड़ा। इन सब का आंकड़ा कई अरब पहुंचता है, जो विभाग को घाटे में पहुंचा रहा है।

    यह आकंड़े बताते हैं कि बिजली विभाग का तंत्र कितना मजबूत है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय की रिपोर्ट से यह आंकड़े उजागर हुए हैं। बिजली विभाग के अलग-अलग डिस्काम घटना के बाद विद्युत सुरक्षा निदेशालय से जांच करवाते हैं।

    मार्च 2023 से 15 सितंबर 2025 के बीच करीब 11 हजार बिजली से जुड़ी दुर्घटनाएं हुईं। इसे निदेशालय ने घातक और साधारण श्रेणी में बांटा है। पिछले दिनों लखनऊ में ही हुसैनगंज, इस्माइलगंज, आलमबाग में करंट से तीन लोगों की जान गई और तकरोही से इस्माइलगंज के बीच पांच मवेशी बरसात के पानी में करंट आने से मर गए।

    बिजली विभाग अमूमन घटनाओं को दबा देता है। स्थानीय लोगों के विरोध पर ही विभाग दुर्घटनाओं की जांच विद्युत सुरक्षा निदेशालय से करवाता है। प्रदेश के सभी डिस्काम द्वारा विद्युत सुरक्षा निदेशालय भेजी गई रिपोर्ट बताती है कि घटनाओं का ग्राफ जिस गति से नियंत्रित होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। यह आंकड़े उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले मध्यांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल डिस्काम व केस्को के हैं।

    पिछले कुछ सालों में विद्युत दुर्घटनाओं का आंकड़ा

    वित्तीय वर्ष मृत बिजली कर्मियों की संख्या मृत बाहरी व्यक्ति अग्निकांड की संख्या
    2023-2024 103 1269 1747
    2024-2025 105 1289 1109
    2024-2026 49 791 969
     

    (नोट : तीन सालों में मवेशियों के मरने का आंकड़ा भी 3600 के आसपास है।)

    क्या है मुआवजे का नियम

    अगर फसल जलती है तो विद्युत सुरक्षा निदेशालय की टीम जांच करती है और लेखपाल अपनी रिपोर्ट लगाता है कि कितनी फसल जली। फसल क्या थी और सरकारी मूल्य क्या है? उसके हिसाब से उसका निर्धारण होता है।

    • करंट से व्यक्ति की मौत पर पांच लाख मुआवजा निर्धारित है।
    • मवेशी करंट से मरता है तो उसकी नस्ल के अनुसार मुआवजा दिया जाता है।

    निदेशालय हमेशा सुरक्षा व संरक्षा को लेकर गाइड लाइन जारी करता है। सेमिनार कराए जाते हैं और वितरण से जुड़े अभियंताओं को बताया जाता है कि कैसे दुर्घटनाओं का ग्राफ शून्य पर लाएंं। इसके अलावा हर जांच में सेफ्टी को लेकर अवगत कराया जाता है। इसी का नतीजा है हर साल ग्राफ कम होता जा रहा है।

    जीके सिंह, निदेशक, विद्युत सुरक्षा निदेशालय