आवास विकास की पुरानी और नई योजनाओं में जमीन के दाम 25 प्रतिशत तक कम, आईटी सिटी में जमीन के रेट भी हुए कम
अब मकान व फ्लैट का सपना देख रहे लोगों को आवास विकास की योजनाओं में थोड़ा सस्ता भूखंड व फ्लैट मिलेगा। जी हां आवास विकास परिषद की वृंदावन योजना में करीब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लखनऊ। अब मकान व फ्लैट का सपना देख रहे लोगों को आवास विकास की योजनाओं में थोड़ा सस्ता भूखंड व फ्लैट मिलेगा। जी हां आवास विकास परिषद की वृंदावन योजना में करीब 256 एकड़ में विकसित की जा रही आइटी सिटी में जमीन के रेट जो कम हो गए हैं। शुक्रवार को हुई आवास विकास परिषद बोर्ड में यह प्रस्ताव पास कर दिया गया है। नई गणना नीति पर भी बोर्ड ने हामी भर दी है। कुल मिलाकर अब पुरानी और नई योजनाओं भी जमीन के रेट करीब 25 प्रतिशत तक कम हो जाएंगे।
परिषद में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में आवास विकास परिषद के सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि अभी आइटी सिटी में जमीन की कीमत आवासीय की डेढ़ गुना थी जो अब एक गुना यानि आवासीय दर पर कर दी गई है। जो 10 एकड़ से अधिक जमीन खरीदेंगे उनको आवासीय से 0.9 प्रतिशत कम कीमत पर जमीन मिलेगी।
उप आवास आयुक्त पल्लवी मिश्रा के मुताबिक आइटी के लिए चार बार निविदा निकाली गई मगर कोई खरीदार नहीं आया। फिर जमीन की कीमत, बोर्ड ने कम कर दी। उप आवास आयुक्त चंदन पटेल ने बताया कि आइटी सिटी योजना में आवासीय जमीन का रेट अभी करीब 38 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर है। डेढ़ गुना पर यह करीब 58 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर हो जा रही थी, जिसे अब कम किया गया है।
नई गणना नीति से अब पुरानी योजनाओं की उन संपत्तियों की कीमत करीब 25 प्रतिशत तक कम हो जाएगी जो कई सालों से बिक नहीं रही थी। इसके लिए पहले संपत्तियों को निष्प्रयोज्य घोषित किया जाएगा उसके बाद उसके रेट कम किए जाएंगे। जो नई योजनाओं आ रही हैं उनमें कई तरह का जो अतिरिक्त शुल्क लिया जाता था उसको कम किया जाएगा।
उसमें पार्क फेसिंग भूखंड पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क को कम करके 10 की बजाए पांच प्रतिशत कर दिया गया है। सेंटेज को भी 20 से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है। अन्य मदों में कमी आएगी। इससे जमीन की कीमतों में करीब 25 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी।
सशत्र सेनाओं और अद्धसैनिक बलों को फ्लैट खरीद पर मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट
आवास विकास परिषद सशत्र सेनाओं और अद्धसैनिक बलों को फ्लैट खरीदने पर 20 प्रतिशत की छूट देगा। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में परिषद के सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत अभी 60 दिन में फ्लैट की कीमत का भुगतान करने पर 15 प्रतिशत की छूट सभी को दी जाती है लेकिन अब सशत्र बलों और अर्द्धसैनिक बलों के सेवारत और सेवानिवृत्त कर्मियों को 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। जो 61 से 90 दिन में भुगतान करेंगे उनको 15 प्रतिशत और जो 91 से 120 दिन में भुगतान करेंगे उनको 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह योजना 31 जनवरी तक लागू है।
दो साल में आएंगी नई पांच योजनाएं
आवास विकास परिषद के अधिकारियों ने बताया कि मऊ, गाजीपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़ और गोरखपुर में नई आवासीय योजनाओं को शुरू करने के लिए शासन से मंजूरी ली जाएगी। इसको लेकर बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर दिया है। इनमें प्रतापगढ़ की 141 हेक्टेयर में आने वाली आवासीय योजना छह महीने लांच कर दी जाएगी। इसी तरह मऊ की योजना 64 हेक्टेयर में आने वाली योजना एक साल के अंदर लांच कर दी जाएगी। इसके अलावा जो अन्य तीन योजनाएं हैं वह करीब डेढ़ साल के अंदर शुरू कर दी जाएंगी।
लैंडपूलिंग करके शुरू की जाएगी कानपुर की मंधना योजना
कानपुर की मंधना आवासीय योजना कई साल से जमीन विवाद के कारण शुरू नहीं हो पा रही। पांच गांव की योजना में तीन गांव बगदौल, बगदौल कछार और पेम के किसान यह मांग कर थे कि उनकी जमीन भी लैंड पूलिंग योजना के तहत ली जाए। अब जमीन नि:शुल्क ली जाती है और उसके बदले किसान को 25 प्रतिशत विकसित जमीन दी जाती है। परिषद सचिव ने कहा कि 229 हेक्टेयर की यह योजना शुरू हो जाएगी। लैंड पूलिंग सिर्फ तीन गांवों की ही होगी क्योंकि यहां पर जमीन का मुआवजा नहीं दिया और अधिग्रहण नहीं हुआ है।
शैक्षिक भूखंड वालों को राहत, एक महीने में पास करा लें मानचित्र
परिषद सचिव ने बताया कि स्कूलों के बहुत से भूखंडों पर लोगों ने पांच साल बाद भी निर्माण नहीं कराया गया। ऐसे लोगों को नोटिस जारी की जाएगी कि वह एक महीनें के अंदर मानचित्र पास कराने का आवेदन कर दे नहीं तो फिर परिषद जुर्माना लगाने और आवंटन निरस्त करने पर विचार करेगा। ऐसे में भूखंडों की तादाद प्रदेश में करीब 100 है।
गाजियाबाद की वसुंधरा योजना के किसानों की मांग पूरी
आवास विकास परिषद के अफसरों ने बताया कि गाजियाबाद की वसुंधरा योजना तीन, करीब 15 साल पुरानी है। जमीन लेते समय किसानों को बोर्ड ने 25 से 50 वर्ग मीटर का भूखंड देने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद सभी 217 किसानों को 25 वर्ग मीटर के ही भूखंड आवंटित किए गए जिसको लेकर किसान पिछले 12 साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इससे परिषद की योजना में फंसी थी। अब बोर्ड ने सभी 35 वर्गमीटर का भूखंड देने का प्रस्ताव पास किया है। इससे परिषद की करीब 350 करोड़ रुपये की फंसी जमीन भी बाहर आ जाएगी और योजना का शुरू किया जा सकेगा।
ई-नीलामी में बदलाव, नहीं बढ़ेंगी हर बार कीमत
परिषद ने उन संपत्तियों के मामले में नियम सरल किया जो बोली में उच्च कीमत आने के बाद बिक नहीं रहीं थी। यह संपत्तियों जब पिछली बोली के आधार पर दोबारा नीलामी में लगाई जाती थीं तो फिर उतनी बोली आती नहीं थी। ऐसे में यह संपत्तियां बिक नहीं पा रही हैं। लखनऊ, कानपुर सहित अन्य शहरों में करीब 50 संपत्तियों फंसी हैं। अब बोर्ड ने यह तय किया है कि दो बार और नीलामी लगाने के बाद यदि पुरानी कीमत नहीं आई तो फिर कीमत को परिषद के रेट के आधार पर नीलामी में लगाया जाएगा
इन प्रस्तावाओं पर भी लगी मोहर
.सब्सिडीयरी इंटेलीजेंस ब्यूरो को भवन निर्माण के लिए मझोला योजना मुरादाबाद में ग्रुप हाउसिंग के भूखंड पर कार्यालय निर्माण के लिए सहमति
. मुरादाबाद नगर निगम कार्यालय भवन निर्माण के लिए ग्रुप हाउसिंग के भूखंड का संस्थागत में परिवर्तन
. प्रतापगढ़ आवासीय योजना के लिए जमीन किसानों से अपासी सहमति से खरीदी जाएगी और डीएम सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा
.विकास शुल्क निर्धारण के प्रस्ताव पर समिति बनाई गई है वह परीक्षण करेगी उसके बाद बोर्ड में लाया जाएगा।
. आवास विकास परिषद के कर्मचारियों को एक जुलाई 2025 से 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।