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    लखनऊ में तेंदुए का नहीं चला पता, दहशत से लोग बच्चों को नहीं भेज रहे स्कूल

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 10:36 AM (IST)

    लखनऊ के एलडीए रुचि खंड कालोनी में तेंदुआ देखे जाने से दहशत है। बच्चों को स्कूल नहीं भेजा गया लोग घरों में दुबके हैं। पार्षद ने वन विभाग को सूचित किया। सीसीटीवी में तेंदुआ दिखा। डीएफओ के अनुसार वायरल फोटो के आधार पर दहशत है टीम गश्त कर रही है। कैंट में भी तेंदुआ दिखा था। पहले भी लखनऊ में तेंदुआ और बाघ आ चुके हैं।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, लखनऊ।  बुधवार रात कानपुर रोड एलडीए रुचि खंड कालोनी में तेंदुआ देखे जाने के बाद से उसका कोई पता नहीं चला है। तेंंदुआ की सूचना से बच्चों को स्कूल नहीं भेजा गया दहशत बरकरार हैर लोग घरों में दुबके है लोगों ने इसकी सूचना शारदानगर वार्ड (प्रथम) पार्षद हिमांशु आंबेडकर को दी थी और उन्होंने वन विभाग को जानकारी दी।

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    वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई लेकिन रात होने से कोई जानकारी नहीं हो सकी। पगमार्क भी नहीं देखे जा सके। हालांकि रात ग्यारह बजे के करीब रुचि खंड से जुड़े मौर्या टोला में सडक पर जाते हुए तेंदुआ दिखा था, जो सीसीटीवी में कैद हो गया। पार्षद ने बताया कि सीसीटीवी में कैद होने से यह साफ हो गया कि तेंदुआ है। वन विभाग की टीम भी रात में मौके पर मौजूद थी।

    पार्षद का कहना है कि शाम को रुचि खंड के निवासियों ने तेंदुआ देखे जाने की बात बताई है। वह खुद वाहन पर माइक लगाकर लोगों से अपील कर रहे हैं कि घरों में ही रहें। डीएफओ अवध सितांशु पांडेय ने बताया कि यह जानकारी मिली है कि लोगों ने खुद से तेंदुआ नहीं देखा है और एक फोटो वायरल हुई थी, जिसके आधार पर लोगों में दहशत फैल गई।

    फोटो को देखकर नहीं कहा जा सकता है कि वह कहां की है। फिलहाल वन विभाग की टीम को तैनात कर दिया गया और रात भर गश्त करने को कहा गया है।

    कहीं कैंट वाला तेंदुआ तो नहीं

    रविवार को कैंट के इच्छुपुरी कालोनी के पास सड़क पार करते हुए तेंदुआ नजर आया था और कार से जा रहे एक व्यक्ति ने उसकी तस्वीर खींची थी। सोमवार को जांच में बगल के ही गन्ना अनुसंधान केंद्र में उसके पगमार्क पाए गए थे, जिससे साफ है कि वह उसकी के अंदर मौजूद थे। गन्ना अनुसंधान केंद्र से रुचि खंड का रास्ता तीन से चार किलोमीटर का ही है। ऐसे में वन विभाग की घेराबंदी देखकर तेंदुआ रुचि खंड तो नहीं पहुंच गया है।

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    1993 से अब तक कई तेंदुआ और बाघ-बाघिन लखनऊ आ चुके हैं...

    • वर्ष 1993 में तो कुकरैल के जंगल में खूंखार हो गए एक बाघ को मारना तक पड़ा था।
    • वर्ष 2009 में माल के कमालपुर लधौरा में तेंदुआ पकड़ा गया
    • वर्ष 2009 में मोहनलालगंज में दहशत फैलाने वाले बाघ को फैजाबाद में मारा गया था।
    • वर्ष 2012 में माल के उतरेटिहा गांव में तेंदुआ पकड़ा गया।
    • 21-22 अप्रैल 2013 की रात पीजीआइ के पास रानी खेड़ा में तेंदुआ पकड़ा गया।
    • करीब पांच साल पहले आशियाना में घर घुस आए तेंदुआ को पुलिस ने मार गिराया था।
    • चार साल ठाकुरगंज के एक प्राथमिक स्कूल में तेंदुआ घुस आया था और पकड़ा गया।
    • वर्ष 2009 में माल के कमालपुर लधौरा में तेंदुआ पकड़ा गया।
    • वर्ष 2009 में मोहनलालगंज में दहशत फैलाने वाले बाघ को फैजाबाद में मारा गया था।
    • वर्ष 2012 में माल के उतरेहटा गांव में तेंदुआ पकड़ा गया।
    • अप्रैल 2012 में काकोरी के रहमान खेड़ा में बाघ पकड़ा गया।
    • करीब पांच साल पहले आशियाना में घर घुस आए तेंदुआ को पुलिस ने मार गिराया था
    • 21-22 अप्रैल 2013 की रात पीजीआइ के पास रानी खेड़ा में तेंदुआ पकड़ा गया।
    • 2012 में बाघ काकोरी के रहमान खेड़ा में 100 दिन से अधिक समय रहा था।
    • पिछले साल 12 दिसंबर में काकोरी के रहमान खेड़ा में दिखा बाघ तीन माह बाद पांच मार्च को पकड़ा गया था।