यूपी में कैंसिल की गई बिजली कर्मियों की छुट्टी, निजीकरण के विरोध के बीच विभाग ने लिया बड़ा फैसला
यूपी में बिजली कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं क्योंकि दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में आंदोलन की आशंका है। प्रबंधन ने किसी भी तरह की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बाधित नहीं होने देने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। जगह-जगह कंट्रोल रूम बनाए गए हैं और ट्रांसमिशन के सबस्टेशनों की सुरक्षा के लिए विजिलेंस टीमों को अलर्ट रखा गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। दक्षिणांचल व पूर्वांचल डिस्काम को रिफार्म के तहत पीपीपी मॉडल पर निजी हाथों में देने के विरोध से निपटने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने अब व्यापक इंतजाम किए हैं। निजीकरण को लेकर अभियंताओं व कर्मचारी संगठनों की शंकाओं का समाधान करने के बावजूद आंदोलन की आशंका के मद्देनजर प्रबंधन की कोशिश है कि किसी भी दशा में बिजली आपूर्ति न प्रभावित होने पाए।
इसके लिए जगह-जगह कंट्रोल रूम बनाने के साथ ही ट्रांसमिशन के सबस्टेशनों की सुरक्षा के लिए विजिलेंस टीमों को अलर्ट रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी अभियंताओं व कर्मचारियों की छुट्टी रद कर दी गई है। किसी भी तरह के आंदोलनों की वीडियोग्राफी कराए जाने के साथ ही हर जिले में उन कर्मचारी नेताओं को चिह्नित किया जा रहा है जो बिजली आपूर्ति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।
आंदोलन से निपटने की पूरी तैयारी
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिफॉर्म के संबंध में की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि किसी भी आंदोलनात्मक परिस्थितियों से निपटने की तैयारी कर ली गई है। सभी सबस्टेशनों, लाइनों को सुरक्षित रखने और उनके सुचारु संचालित करने की योजना बन गई है। हर जगह कंट्रोल रूम स्थापित कर लिए गए हैं।
क्रिटिकल सब स्टेशनों की लिस्ट भी तैयार है। संविदा कर्मियों की एजेंसियों से भी बात हो गई है। जहां कही भी संविदा कर्मी असहयोग करेंगे उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मोबाइल गैंग भी तैयार किए जा रहे है। सभी जिलाधिकारियों से वार्ता कर पूरी रणनीति बनाई गई है। सभी धरना-प्रदर्शन की वीडियोग्राफी की जा रही है, जो लोग भी विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेंगे उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अध्यक्ष ने ली जानकारी
बैठक में तय किया गया कि सभी आंदोलन की वीडियोग्राफी के साथ ही इंटरनेट मीडिया व वाट्सएप ग्रुप की रिकार्डिंग रखी जाए। किसी को छुट्टी न दी जाए। अस्पताल, मेडिकल कालेज या आवश्यक सुविधाओं में बिजली आपूर्ति प्रभावित न हो, इसकी विशेष व्यवस्था की जाए। अध्यक्ष ने सभी मुख्य अभियंताओं से भी तैयारियों की जानकारी ली।
नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फनगर, सहारनपुर, बुलंदशहर, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, एटा, झांसी, बांदा, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ व लेसा आदि के मुख्य अभियंताओं ने बताया कि सभी कार्मिक और अधिकारी संगठनों से बात हुई है। सभी ने बिजली आपूर्ति में सहयोग का आश्वासन दिया हैं।
बैठक में अध्यक्ष ने बताया कि रिफार्म को लेकर सभी की शंकाओं का समाधान कर दिया गया है। कर्मचारियों व अधिकारियों के सभी हित सुरक्षित रखे जा रहे है। निविदा प्रक्रिया की शर्तों (आरएफपी) में कार्मिकों के हित पूरी तरह सुरक्षित रखने का प्रविधान किया है। यह व्यवस्था की गई है कि नई कंपनी में स्थानांतरित कार्मिक केंद्रीय एक्ट की धारा-133 के नियमों के अधीन रहेंगे, जिससे उनके सभी हित सुरक्षित रहें।
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