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    रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा करने अधिकारियों पर गिरेगी गाज, एलडीए के सात अफसरों सहित 23 पर मुकदमा दर्ज

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 02:30 PM (IST)

    लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) में एक और रजिस्ट्री घोटाला सामने आया है। एलडीए अधिकारियों ने दलालों के साथ मिलकर सात भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री कर दी। 2001 में हुए इस फर्जीवाड़े की शिकायत पर वजीरगंज पुलिस ने एलडीए के सात अफसरों समेत 23 लोगों पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है। इन भूखंडों की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    रजिस्ट्रियों के फर्जीवाड़े में एलडीए के सात अफसरों सहित 23 पर मुकदमा।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में रजिस्ट्रियों में हेरफेर का एक और मामला सामने आया है। एलडीए के अधिकारियों ने दलालों और प्रापर्टी डीलरों की मिलीभगत से सात भूंखडों की रजिस्ट्रियां फर्जी अभिलेखों के आधार पर दूसरे के नाम पर दीं।

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    2001 में हुए इस फर्जीवाड़े की शिकायत पर सब रजिस्ट्रार द्वितीय की जांच के बाद वजीरगंज पुलिस ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सात अफसरों सहित 23 लोगों के खिलाफ गुरुवार को जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया है।

    जिन पर मुकदमा दर्ज किया गया उनमें एलडीए के तत्कालीन संपत्ति अधिकारी और अनुभाग अधिकारी हैं। इस मामले में एलडीए के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पहले ही हो चुकी है।

    भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में उपनिबंधक द्वितीय सदर प्रभाष सिंह ने जांच रिपोर्ट के आधार पर वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी। तहरीर के अनुसार विकल्प खंड, विक्रांत खंड, विनीत खंड, विभवखंड, विनम्रखंड जैसी पाश कालोनी में सात भूखंडों की करीब 14,888 वर्गफीट जमीन बेची गई।

    इन भूखंडों की वर्तमान कीमत बीस करोड़ रुपये से भी अधिक थी। जांच में पाया गया कि रजिस्ट्री संख्या 7398/2001, 7399/2001, 7412/2001, 7414/2001 में 7417/2001, 7425/2001, 7426/2001 में छेड़छाड़ व कूटरचना कर अभिलेखों में फेरबदल किया गया।

    भूखंडों पर दर्ज वास्तविक नामों को बदलकर उनकी जगह दूसरे के नाम चढ़ा दिए गए। दरअसल गोमतीनगर पुलिस को इस फर्जीवाड़े का पता तब चला, जब एक मामले में रजिस्ट्री सत्यापन के लिए सब रजिस्ट्रार द्वितीय कार्यालय भेजी गई।

    सब रजिस्ट्रार ने जांच की तो रजिस्ट्री में दर्ज नाम कार्यालय में संरक्षित विलेख में नहीं थे। इसके बाद जांच आगे बढ़ी तो खंड संख्या 2992 में संरक्षित सात बैनामों में विवरण में भिन्नता पाई गई।

    वजीरगंज इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि निबंधन कार्यालय से रिपोर्ट मिलने के बाद जांच की गई और साक्ष्य मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई।

    इन पर दर्ज हुई एफआईआर

    एलडीए के प्रभारी संपत्ति अधिकारी अनीता श्रीवास्तव, केके सिंह, एसडी दोहरे, अनूप शुक्ला, संतोष मुर्डिया और अनुभाग अधिकारी एबी तिवारी, आरके मिश्रा, विद्यासागर और एबी तिवारी पुत्र जीएन तिवारी शामिल है। वहीं, एलडीए से बाहर के अरोपितों में इंदिरानगर निवासी शमशुल हसन, पाटानाला बजाजा नक्खास के सरफराज अहमद और छितवापुर वाराणसी की सत्यभामा देवी पर मुकदमा दर्ज हुआ है। 

    इसके अलावा, महानगर सेक्टर सी के राजकिशोर, कानपुर बर्रा के एसी वैश्य, उन्नाव अजगैन के नीरज कुमार गुप्ता, जानकीपुरम सेक्टर-एफ की मंजू श्रीवास्तव, अलीगंज सेक्टर-जी के महेश कुमार, और प्रकाशपुरम नई बस्ती भदेवा के सुकांत घोष भी शामिल हैं।

    वहीं, राजाजीपुरम के हरिनाम शर्मा, निजामपुर मल्हौर के प्रदीप कुमार जायसवाल, बाराबंकी सतरिख उमरा खास के शीतला प्रसाद वर्मा, सिधौली सीतापुर स्टेशन रोड के अशुतोष कुमार वाजपेयी और सीतापुर ढकबा अटरिया के मोहन लाल पांडेय शामिल हैं।

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